हाई वोल्टेज ड्रामा : चेयरमैन शपथ में लेने में व्यस्त, डीटीपी ने चला दिया बुलडोजर, लोगों ने डीटीपी और स्टाफ को बनाया बंधक
मौके पर पहुंचे डीएसपी और एसडीएम ने डीटीपी की टीम को लोगों के बंधन से मुक्त कराया। दोनों अधिकारियों ने चेयरमैन और लोगों को आश्वासन दिया कि इस मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।;
हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
बावल नगर पालिका के नवनिर्वाचित चेयरमैन एडवोकेट विरेंद्र महलावत के गुरुवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हाई वोल्टेज ड्रामा खड़ा हो गया। जिस समय एसडीएम संजीव कुमार चेयरमैन को शपथ दिला रहे थे, उस समय डीटीपी वेदप्रकाश अपनी टीम के साथ उनकी खरीदी गई जमीन की चारदिवारी को गिराने का काम कर रहे थे। इस बात की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने डीटीपी व उनके स्टाफ को वहीं बंधक बना लिया।विरेंद्र महलावत ने इस कार्रवाई को पूरी तरह राजनीतिक दबाव में की गई गैर कानूनी कार्रवाई करार देते हुए डीटीपी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। मौके पर पहुंचे डीएसपी और एसडीएम ने डीटीपी की टीम को लोगों के बंधन से मुक्त कराया। दोनों अधिकारियों ने चेयरमैन और लोगों को आश्वासन दिया कि इस मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को विरेंद्र महलावत का शपथ ग्रहण समारोह था। महलावत ने अपने निवास के पास अपने भाइयों के साथ मिलकर करीब 2 एकड़ जमीन खरीदी हुई है। बताया जा रहा है कि इस जमीन पर प्लॉटिंग की गई थी। चारदिवारी का निर्माण कराया गया था। जिस समय चेयरमैन शपथ ले रहे थे, उसी समय डीटीपी वेदप्रकाश अपनी टीम और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने चेयरमैन की जमीन पर बनाई गई डीपीसी और दिवार को तोड़ना शुरू कर दिया। जब तक शपथ ग्रहण समारोह सपंन्न हुआ, तब तक डीटीपी की टीम अपने काम को लगभग अंजाम दे चुकी थी। जब इस बात की सूचना चेयरमैन समर्थकों को मिली, तो बड़ी संख्या में वकील और चेयरमैन समर्थक वहां एकत्रित हो गए। उन्होंने डीटीपी की टीम को वहीं बंधक बना लिया। घटना की सूचना मिलने के बाद डीएसपी राजेश लोहान और एसडीएम संजीव कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने डीटीपी की टीम को छुड़वाया। इसके बाद दोनों पक्षों को बावल थाने ले जाया गया।
गैरकानूनी तरीके से कार्रवाई के आरोप
घटना के बाद चेयरमैन विरेंद्र महलावत ने आरोप लगाया कि डीटीपी ने यह कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक दबाव में की है। उनकी जीत को भाजपा नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीटीपी ने बिना कोई नोटिस दिए तोड़फोड़ की कार्रवाई की है। एक मंत्री के इशारे पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर निर्माण अवैध थे, तो गिराने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी, परंतु इससे पहले उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह कानून के दायरे में रहते हुए डीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अगर पुलिस डीटीपी के खिलाफ केस दर्ज नहीं करेगी, तो वह कोर्ट का सहारा लेंगे। दिवार व तोड़फोड़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई हर हाल में डीटीपी से कराई जाएगी।
लगातार फरियाद करते नजर आए डीटीपी
लोगों के विरोध को दखते हुए डीटीपी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में जिले का कार्यभार संभाला है। उन्हें नोटिस दिए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कंट्रोल्ड एरिया में निर्माण तोड़ने की फाइल पहले से तैयार थी। डीसी से अनुमति मिलने के बाद वह अभियान चलाकर इस कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूटीन में की गई कार्रवाई थी। इसमें किसी तरह का कोई दबाव उन पर नहीं था।
एफआईआर के लिए शिकायत दर्ज
डीएसपी और एसडीएम बाद में दोनों पक्षों को बावल थाने ले गए। वहां बड़ी संख्या में चेयरमैन समर्थक वकील भी पहुंच गए। विरेंद्र महलावत ने डीटीपी के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए शिकायत दर्ज कराई। एसडीएम और डीएसपी ने मामले की जांच के बाद आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिया, जिसके बाद मामला शांत हो गया।