Chhath Puja : जानें कब है छठ पूजा, यमुना के घाटों पर रंग रोगन कर श्रद्धालु सजाने लगे मां की वेदी
छठ महापर्व के अवसर पर यमुना नदी के बाढ़ी माजरा पुल व हमीदा के नजदीक यमुना के घाटों पर दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है।;
यमुनानगर। कार्तिक माह की षष्ठी तिथि पर आयोजित छठ मैया पूजा महापर्व मनाए जाने में अब मात्र तीन दिन शेष रह गए हैं। महापर्व को लेकर यमुना नदी के घाटों पर बनी छठ मां की वेदियों को श्रद्धालु रंग रोगन करके आकर्षक रुप से सजा रहे हैं। छठ महापर्व के अवसर पर यमुना नदी के बाढ़ी माजरा पुल व हमीदा के नजदीक यमुना के घाटों पर दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस वर्ष मेले का आयोजन 30 व 31 अक्टूबर को होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु पहुंचकर छिपते व उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे।
कठिन होता है छठ पूजा का व्रत
छठ माता की वेदियों को सजा रहे श्रद्धालु रमाकांत, गोपाल यादव, सुशील व राम आसरे ने हताया कि छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन होता है। जिस प्रकार करवा चौथ व होई अष्टमी का त्योहार पति व पुत्र की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है इसी तरह छठ पूजा भी पति व पुत्र की लंबी आयु के लिए की जाती है। श्रद्धालुओं द्वारा यह व्रत 36 घंटे रखना होता है। कार्तिक पंचमी की शाम से ही व्रत आरंभ हो जाता है। अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा आरंभ की जाती है और अगले दिन चढ़ते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। महिलाओं को घंटों पानी में खडे़ होकर पूजा करनी पड़ती है।
छठ मेले में पहुंचते हैं हजारों प्रवासी श्रद्धालु
ट्विन सिटी ( यमुनानगर-जगाधरी ) में हजारों की संख्या में बिहार, पश्चिमी बंगाल व अन्य प्रदेशों के प्रवासी लोग रहते हैं। जो छठ मैया पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। यह सभी प्रवासी छठ मैया के पर्व पर शहर किनारे स्थित यमुना नहर के घाटों पर आयोजित मेला स्थल पर पहुंचकर छठ मैया की पूजा करते हैं और भगवान सूर्य के अर्घय देते हैं। इस बार भी मेले में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना है।