CM Flying की रेड : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में काम करता मिला बाहरी युवक
बहादुरगढ़ स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में लगभग दो साल से एक बाहरी युवक कंप्यूटर ऑप्रेटर सीट पर बैठकर काम करता रहा। सीएम फ्लाइंग की छापामार कार्रवाई में इस मामले का खुलासा हुआ। एसडीओ स्तर के अधिकारियों द्वारा युवक को काम पर रखे जाने की बात सामने आई। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को भेज दी।;
Bahadurgarh : सरकारी दफ्तरों में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं, लेकिन यहां बहादुरगढ़ स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में लगभग दो साल से एक बाहरी युवक कंप्यूटर ऑप्रेटर सीट पर बैठकर काम करता रहा। सीएम फ्लाइंग की छापामार कार्रवाई में इस मामले का खुलासा हुआ। एसडीओ स्तर के अधिकारियों द्वारा युवक को काम पर रखे जाने की बात सामने आई। इस संबंध में टीम ने रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी।
सीएम फ्लाइंग को शिकायत मिल रही थी कि बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में काफी समय से एक बाहरी युवक का हस्तक्षेप है। वह सीट पर बैठकर सरकारी काम करता है। इस शिकायत के आधार पर मंगलवार को सीएम फ्लाइंग की टीम ने आफिस में छापा मारा। निरीक्षण के दौरान हाजिरी रजिस्टर, रिकार्ड आदि की जांच की। जांच के दौरान टीम को आशीष नाम का एक युवक आफिस में काम करता मिला। टीम ने आशीष व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की तो सामने आया कि एसडीओ स्तर के अधिकारी के कहने पर वह यहां पिछले करीब दो साल से काम कर रहा था। ड्यूटी मजिस्ट्रेट बीडीपीओ उमेद सिंह की मौजूदगी में यह कार्रवाई चली। टीम में शामिल अधिकारियों ने आशीष व अधिकारियों से पूछताछ की।
तर्क दिया जा रहा है कि वर्कलोड के चलते युवक को काम पर रखा गया। जबकि इसके संबंध में कोई लेटर ऊपरी अधिकारियों को नहीं भेजा गया। दफ्तर में रीजनल आफिसर भी बैठते हैं। इसके बावजूद करीब दो साल तक युवक काम करता रहा। इस कार्रवाई के दौरान आरओ की कुर्सी खाली थी। वहीं एसडीओ भी काफी देर से आए। ड्यूटी मजिस्ट्रेट (बीडीपीओ) उमेद सिंह ने कहा कि सीएम फ्लाइंग ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें यहां आशीष नाम का एक युवक काम करते हुए मिला। युवक के पास काम करने की कोई परमिशन नहीं है। वह न तो सरकारी और न ही कौशल रोजगार निगम का कर्मचारी है। एसडीओ अमित व सचिन द्वारा इसे लगाया गया है। इसे यहां 12 हजार रुपए वेतन अपनी तरफ से देते हैं। उधर, सीएम फ्लाइंग की ओर से मौजूद अधिकारियों ने कहा कि सरकारी दफ्तर में इस तरह से किसी काम काम पर नहीं रखा जा सकता। मामले की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजेंगे। जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।