एमबीबीएस विद्यार्थियों के साथ में सीएम खट्टर की वार्ता : हरियाणा सरकार ने MBBS बॉन्ड नीति में कई अहम बदलाव किए
बैठक के बाद में सीएम ने मीडिया को बताया कि एमबीबीएस के प्रतिनिधियों के साथ में तीसरे दौर की वार्ता हुई। सीएम ने कहा कि दो साल पहले मेडिकल बांड पालिसी बनाई गई थी, बांड की राशि अन्य सभी स्थानों से ज्यादा रखी गई ताकि डाक्टरों की कमी दूर हो सके, डॉक्टर सरकारी नौकरी को प्राथमिकता दें।;
हरियाणा सरकार ने MBBS बॉन्ड मामले में कई अहम बदलाव किए हैं। एमबीबीएस विद्यार्थियों की चल रही हड़ताल को समाप्त कराने और विद्यार्थियों से बातचीत के लिए सीएम मनोहर लाल बुधवार को खुद सामने आए। देर शाम को हरियाणा निवास चंडीगढ़ में सीएम ने बातचीत की व मेडिकल विद्यार्थियों की पूरी बात सुनी। वैसे विद्यार्थियों ने सभी बातों के बाद में वीरवार को अपने साथियों के साथ में मंथन कर ही कुछ फैसला करने की बात कही है।
नए बदलावों के बाद जहाँ एक ओर सरकार ने सात साल के बॉण्ड एग्रीमेंट की समय सीमा घटाकर 5 वर्ष कर दी है, वहीं इस पाँच वर्ष में PG की पढ़ाई को भी शामिल किया है यानी एक तरह से अब बॉन्ड की समय सीमा दो साल होगी। इसके साथ ही बॉन्ड राशि को जो पहले 40 लाख थी उसे घटाकर 30 लाख कर दिया है। इसमें से यदि फीस घटा दी जाए तो यह राशि करीब 25 लाख होगी। साथ ही लड़कियों के लिए इसमें दस फीसदी की छूट का निर्णय भी लिया गया है। इस राशि में संस्थान की फीस शामिल नहीं है। इसके साथ ही यह भी फ़ैसला लिया गया है की यदि MBBS की पढ़ाई कर रहे किसी छात्र के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो उसका परिवार बॉन्ड राशि भरने के लिए बाध्य नहीं होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बैठक के बाद ये बदलाव करने के निर्देश दिए।
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है की पढ़ाई के बाद एक साल के भीतर MBBS छात्र को सरकारी नौकरी (अनुबंधित) दी जाएगी। इसके साथ ही यदि कोई छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट नौकरी करता है और उसका वेतन सरकार द्वारा मेडिकल ऑफिसर को दिए जा रहे वेतन से कम है तो उसे तब तक बॉन्ड की राशि नहीं देनी होगी जब तक उसका वेतन मेडिकल ऑफिसर के वेतन के बराबर या उससे ज़्यादा नहीं होता। ऐसी स्थिति में सरकार उसे अनुबंधित नौकरी ऑफर करेगी।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने चिरायु, आयुष्मान भारत और निरोगी हरियाणा जैसी अनेक योजनाएं चलायी हैं जो प्रदेश के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। साथ ही हरियाणा में सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं और सरकारी अस्पताल खोले जा रहे हैं जिसकी वजह से सरकार को आने वाले समय में काफ़ी संख्या में डॉक्टरों की जरूरत पड़ेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले इसी ध्येय के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज इत्यादि की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 में प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज थे और एमबीबीएस सीटें केवल 700 थी। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 6 कॉलेज खोले गए और आज एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 1735 हो गई है।
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार की हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। कई जिलों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा होते ही एमबीबीएस के लिए 3000 छात्रों के दाखिले किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई हैं और भविष्य में भी इन सीटों को बढ़ाया जाएगा ताकि डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि 1000 की जनसंख्या के ऊपर एक डॉक्टर की तैनाती के लक्ष्य को पूरा किया जाए। यह मापदंड विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित किया गया है।
वहीं विद्यार्थी बाहर आकर बोले, हम फिलहाल सहमत नहीं है, अपने साथियों के साथ में कल बातचीत करेंगे। एमबीबीएस के विद्यार्थी पंकट बिट्टू ने कहा हमारी बड़ताल जारी रहेगी। रेजीडेंट डाक्टरों ने कहा कि हम अपने साथियों के साथ में सलाह मशविरा करेंगे। जिसके बाद में हड़ताल को लेकर फैसला ले लिया जाएगा। उसके बाद भी हम विद्यार्थियों के साथ में खड़े हैं।