CM Khattar बोले : रानी लक्ष्मी बाई की सेनापति झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं की कथाओं से भावी पीढ़ी को लेनी चाहिए प्रेरणा

  • पलवल में भव्य तरीक से मनाई वीरांगना झलकारी बाई की जयंती, मुख्यमंत्री ने झलकारी बाई को नमन कर अर्पित की श्रद्धांजलि
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की इतिहास के अज्ञात शहीदों व वीरांगनाओं की जयंतियां मनाने की शुरू की अनूठी पहल
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Update: 2023-11-20 11:29 GMT

Palwal : हरियाणा सरकार की संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना के तहत जिला पलवल में रानी लक्ष्मी बाई की सेनापति रही झलकारी बाई की जयंती मनाई गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश की जनता की ओर से झलकारी बाई को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने समाज को ऐसी महान वीरांगना की कथा से प्रेरित करने के लिए घोषणा करते हुए कहा कि पलवल के आगरा चौक पर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम झलकारी बाई के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही पलवल के मोहन नगर के वार्ड नंबर-4 में कोली समाज का एक भव्य भवन का भी निर्माण किया जाएगा। इस पर लगभग 3 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।

उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत ही गौरव का दिन है, जब वीरांगना झलकारी बाई की जयंती मनाई जा रही है, क्योंकि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। सन् 1857 में स्वाधीनता संग्राम में हम सभी ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम तो सुना है, लेकिन वीरांगना झलकारी बाई के नाम को इतिहास में उतना अधिक नहीं जानते। वीरांगना झलकारी बाई झांसी की रानी की हमशक्ल थी और वे महिला सेना की सेनापति थी, जिन्होंने अपने शौर्य से झांसी की रानी की जान बचाने और देश की आजादी के लिए अपने प्राणों  की आहुति दी थी। झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 में हुआ था। उन्होंने कहा कि मैथिली शरण गुप्त ने अपनी कविता में झलकारी बाई का वर्णन किया है कि- आकर रण में ललकारी थी, वह तो झांसी की झलकारी थी। गोरों से लड़ना सीखा गई, रानी बन जौहर दिखा गयी, इतिहास में झलक रही वह भारत की ही नारी थी, आकर रण में ललकारी थी, वह तो झांसी की झलकारी थी। 

कार्यक्रम में उपस्थित सदस्याें को संबोधित करते सीएम मनोहर लाल। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की इतिहास के अज्ञात शहीदों व वीरांगनाओं की जयंतियां मनाने की अनूठी पहल

उन्होंने कहा कि भारत में अनेक अनसंग हीरोज हुए हैं, जिनसे इतिहास भरा पड़ा है। लेकिन उनका नाम पिछली कई सरकारों ने आगे नहीं बढ़ाया। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ऐसे अनसंग हीरोज के नाम को जीवित रखने का बीड़ा उठाया। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने वीरांगना झलकारी बाई के नाम से डाक टिकट भी जारी किया था। उनकी प्रेरणा से ही हरियाणा में भी  संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई। जिसके तहत संत-महापुरुषों की जयंतियां व शताब्दियों सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की। उन्होंने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश सरकार शहीदों, संत-महापुरुषों के नाम से बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों व संस्थानों के नाम रख रही है। लेकिन पिछली सरकारें एक परिवार के नाम पर ही सबके नाम रखती थी, एक परिवार ही चमक रहा था। 

3-सी को खत्म कर हरियाणा को बना रहे 7 स्टार राज्य

उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में 3-सी यानी करप्शन, क्राइम और कास्ट बेस्ड पॉलिटिक्स को खत्म कर 7 स्टार राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। हमने 7 एस- यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन, स्वाभिमान, सुशासन और सेवा पर फोकस करके अंत्योदय के उत्थान के लिए कार्य किया है। सरकार ने विगत 9 सालों में लगातार अंत्योदय उत्था्न के अपने लक्ष्य पर चलते हुए गरीबों व वंचितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना व चिरायु हरियाणा योजना के तहत प्रदेश के लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त ईलाज की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, बीपीएल आय सीमा को राज्य सरकार ने 1.20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए कर 39 लाख परिवारों को राशन कार्ड की सूची में जोड़ा है।

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