प्रदेश में उद्योगपतियों को दी बड़ी राहत, सीएम मनोहर लाल ने की यह घोषणाएं
हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और पीनल ब्याज के भुगतान में बड़ी राहत की घोषणा।;
हरियाणा सरकार की विवादों का समाधान की अनूठी पहल उद्योगपतियों के लिए बड़ी सौगात में बदल गई जब मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और पीनल ब्याज के भुगतान में बड़ी राहत की घोषणा की। मुख्यमंत्री कल देर सायं औद्योगिक संघों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अलॉटियों द्वारा प्लॉट की लागत और एनहांस्ड कॉस्ट के एकमुश्त भुगतान के लिए एक योजना लाई जाएगी जिससे 2250 उद्योगपति लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत 31 मार्च 2021 तक की देनदारियों के लिए ओवरडयू ब्याज पर 25 प्रतिशत की छूट और पीनल ब्याज पर 100 प्रतिशत माफी प्रदान की जाएगी, बशर्ते पूरी शेष राशि का भुगतान 30 जून, 2021 तक एक बार में ही किया जाए। इससे 1500 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 225 करोड़ रुपये के लाभ होने की संभावना है।
एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को अधिक तर्कसंगत व सरल बनाना
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 1 अप्रैल, 2021 से एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को और अधिक तर्कसंगत व सरल बनाया जाएगा। घोषणा के अनुसार, तीन वर्ष की प्रारंभिक अवधि के पूरा होने बाद परियोजना के पूरा होने के लिए एचएसआईआईडीसी के बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा श्रेणी ए, बी और सी के लिए निर्धारित एक्सटेंशन फीस का भुगतान होने पर आगे तीन साल तक की अवधि के लिए विस्तारित माना जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि श्रेणी ए संपदा के लिए चौथे और पाँचवें वर्ष की एक्सटेंशन फीस 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, श्रेणी बी संपदा के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर और श्रेणी सी संपदा के लिए 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।
330 आवंटियों को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 330 आवंटियों की एक्सटेंशन फीस के मद में लगभग 636 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। एचएसआईआईडीसी एक्सटेंशन फीस के मद में बकाया राशि का 50 प्रतिशत माफ करेगा। संशोधित मानदंडों के अनुसार 31 मार्च 2021 की एक्सटेंशन फीस डिफ़ॉल्ट को क्लियर करने के बाद अलॉटी आगे के एक्सटेंशन का हकदार होगा। मौजूदा अलॉटी के लिए जहां एक्सटेंशन 6 साल से अधिक है, अलॉटी को 5 वें वर्ष के लिए एक्सटेंशन फीस पर परियोजना को पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त वर्ष का लाभ मिल सकता है, और इसको नई एक्सटेंशन पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा।
6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी
एक्सटेंशन फीस के मामले में उद्योगपतियों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी और प्लाट की अनिवार्य रूप से नीलामी की जाएगी। यदि आवंटी अपनी परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, तो 6वें वर्ष के प्रारंभ से पहले अलॉटी प्लॉट की बिक्री के लिए एचएसआईआईडीसी के माध्यम से नीलामी द्वारा आवेदन कर सकता है। एचएसआईआईडीसी प्लाट की नीलामी करेगा और अपने शुल्क की कटौती के बाद, बिक्री पर हुआ लाभ आवंटी के साथ समान रूप से विभाजित हो जाएगा। यदि प्लॉट नीलामी में नहीं बिकता तो एचएसआईआईडीसी की नीति के अनुसार प्लॉट रिज्यूम किया जाएगा।