हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर सीएम का बड़ा बयान, पढ़ें क्या बोले मनोहर लाल
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर नई पेंशन योजना के लाभ गिनाए साथ ही राजस्थान व कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू करने को लेकर कहा कि हर बात के पीछे सियासी कारणों को लेकर वह फैसला नहीं लेंगे।;
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र के दौरान बलराज कुंडू और विपक्षी विधायकों द्वारा उठाई जा रही पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर साफ कर दिया है कि उनका पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का कोई इरादा नहीं है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से नई पेंशन योजना के लाभ गिनाए साथ ही राजस्थान में कांग्रेस शासित राज्यों में इसे लागू करने को लेकर कहा कि हर बात के पीछे सियासी कारणों को लेकर वह फैसला नहीं लेंगे।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के सवाल पर दो टूक जवाब दिया कि इसे लागू करने का हरियाणा सरकार का कोई इरादा नहीं है। कुल मिलाकर निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और कांग्रेस की ओर से नेता विपक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूरे मामले में वकालत करते रहे लेकिन मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर स्पष्ट जवाब दिया में कहा कि नई पेंशन स्कीम ही राज्य में लागू रहेगी।
2022 -23 का बजट अंत्योदय को समर्पित
मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2022 -23 का बजट अंत्योदय को समर्पित है। सरकार का ध्येय पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना है। जिसका हक होगा उसको अपना हक अवश्य मिलेगा, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे पहले गरीब व्यक्ति को ही मिलेगा। इसलिए हमारी सरकार ने जो बजट पेश किया है वह कर्ज का नहीं फर्ज का बजट है जिसमें हमने हर जरूरतमंद व्यक्ति का उत्थान करने का बेड़ा उठाया है। यह पैसा न सत्ता पक्ष का है, न विपक्ष का है, यह जनता का पैसा है और हम इसका उपयोग सदैव जनहित में करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि विगत 2 सालों में कोरोना के कारण विकास की रफ्तार धीमी हुई है परंतु सरकार ने विकास की गति को लगातार बनाए रखा है। हमारी सरकार ने बजट से पूर्व सभी हित धारकों से परामर्श लेने की एक नई पहल शुरू की है इस बार भी लगभग 550 लोगों से परामर्श कर बजट में उनके सुझावों को शामिल किया गया है।
विपक्ष द्वारा उठाए गए कर्ज के आंकड़ों पर जवाब देते हुए कहा कि कर्ज को देखने का नजरिया सही होना चाहिए। समय के साथ कर्ज बढ़ता है, लेकिन अर्थशास्त्री व नीति आयोग स्वस्थ आर्थिक स्थिति का आकलन डेबिट टू जीएसडीपी अनुपात से करते हैं। इसके अनुसार जीएसडीपी का 25 प्रतिशत से अधिक ऋण नहीं होना चाहिए। कोविड-19 महामारी के बावजूद हमारा यह अनुपात 24.98 प्रतिशत है। जबकि हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में तो यह 48 प्रतिशत है। हमारा राजस्व घाटा भी 3 प्रतिशत से कम है। कर्ज लेकर यदि हम पूंजीगत व्यय कर रहे हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दे रहे हैं तो यह अच्छी बात है, क्योंकि इन्फ्रास्ट्रक्चर उज्ज्वल भविष्य के लिए निवेश माना जाता है। इस बजट में हमने 61,057.36 करोड़ रुपये के पूजीगत व्यय का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमने यह दर्शाया है कि 55000 करोड रुपये का ऋण लेना है इस राशि के अंदर 14800 करोड रुपए किसानों के लिए खरीद प्रक्रिया और भंडारण के लिए भी शामिल है। इस नाते से देखा जाए तो ऋण राशि 40000 करोड़ रुपये के आसपास है, इसमें से लगभग 20000 करोड रुपए का पिछला भुगतान करना हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक जो भी ऋण लिए जाते थे उनकी समय सीमा 10 साल तक होती थी। 2018 के बाद हमने इस समय सीमा को 5 साल, 6 साल और 7 साल तक किया है, ताकि लोन की जल्द वापसी की जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी मंशा लोन लेकर पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की है और उससे भी आगे कम कम अवधि का लोन लेकर उसे जल्द वापस करने की है।
इक्विटी हमारा निवेश है
सीएम ने कहा की उदय स्कीम के तहत बिजली कंपनियों के घाटे का 75 प्रतिशत सरकार ने अपने हिस्से में लिया और 25 प्रतिशत के लिए इक्विटी जारी की गई। उन्होंने कहा कि इक्विटी हमारा निवेश है क्योंकि इससे पूंजीगत संपत्तियां ज्यादा होती है, जो की आर्थिक स्थिति के लिए अच्छा माना जाता है।
नई पेंशन स्कीम कांग्रेस के समय में की गई थी लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल पहले, 22 जनवरी 2007 को जब श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे और सरदार मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें नई पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया था। नई पेंशन स्कीम के तहत कुछ हिस्सा सरकार और कुछ हिस्सा कर्मचारी का जमा किया जाता है जिससे एक कॉरपस फंड बनता है जिसमें से पेंशन का भुगतान किया जाता है। वर्ष 2009 में यह योजना बहुत छोटे से शुरू हुई थी और उस वर्ष में 21 करोड़ रुपये एरियर और 12 करोड रुपए का नई पेंशन स्कीम के तहत भुगतान किया गया था। पुरानी पेंशन स्कीम अलग से चल रही थी। इस प्रकार पुरानी पेंशन स्कीम के तहत 2390 करोड़ रुपये और नई पेंशन स्कीम के तहत 43 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। जबकि आज, पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम को मिलाकर लगभग 12 से 13000 करोड रुपए का बोझ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नई पेंशन स्कीम के तहत सरकार के हिस्से को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है, जिसका अनुसरण करते हुए हरियाणा सरकार ने भी जनवरी 2022 से सरकारी हिस्से को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। कर्मचारियों का हिस्सा 10 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम लागू रहेगी।
हमारी सरकार अंतोदय की भावना से कार्य कर रही
मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार अंतोदय की भावना से कार्य कर रही है। परिवार पहचान पत्र के तहत 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय से कम परिवारों का पहचान की गई है , जिसमें 29 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 35 प्रतिशत पिछड़े वर्ग से संबंधित है। अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग से संबंधित परिवारों को जो लाभ पहले मिलता था वही मिलता रहेगा कोई भी सुविधा कम नहीं होगी । बल्कि सरकार ने तो बीपीएल के लिए 1.20 लाख रुपए की आय सीमा को बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक परिवार इसमें शामिल हो जाएं जिनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कानूनन शादी का पंजीकरण करवाया जाना जरूरी है। इसलिए पंजीकरण से छूट नहीं दी जा सकती। लेकिन हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि जिस दिन शादी हो उसी दिन उसका पंजीकरण हो जाए। इसके बाद शगुन राशि मिलने में कोई विलम्ब नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि सभी के लिये आवास क्षेत्र के लिए 383.11 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। यह वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 104.7 प्रतिशत अधिक है। सभी के लिए आवास के लिए हमने एक नया विभाग 'सभी के लिये आवास' बनाया गया है। जिन बेघर लोगों की आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है उनका सर्वेक्षण शुरू किया जा रहा है। इनको आवास देने के लिए संख्या उपलब्ध होने के बाद वित्त वर्ष 2022-23 में कार्ययोजना तैयार की जाएगी। प्रदेश सरकार सिंचाई के क्षेत्र में भी नई नई योजनाएं ला रही है और विपक्ष द्वारा एसवाईएल के लिए बजट में कोई प्रावधान न किए जाने की बात गलत है। वर्ष 2022-23 के बजट में एसवाईएल के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और जैसे ही निर्णय आता है तो उसे बनाने के लिए और पैसों का प्रावधान किया जाएगा।
स्कूलों में हम 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों से कोई फीस नहीं लेंगे
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए 5 लाख टेबलेट की खरीद का टेंडर 23 नवम्बर, 2021 को अलाट किया जा चुका है। आने वाले शिक्षा सत्र में सबको टैब दे दिए जाएंगे। आगामी शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को कनेक्टिविटी के साथ टैबलेट दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेवात क्षेत्र में शिक्षकों के लिए अलग काडर बनाया गया है। इस क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए हमने रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भी अनुबंध आधार पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। सरकार ने मेवात क्षेत्र में सेवाएं देने वाले अध्यापकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। पदों को भरने बारे मांग पत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जा चुका है। इसी प्रकार टी.जी.टी. व सी.एण्ड.वी. अध्यापकों के 1,924 पदों को भरने के लिए मांग पत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजे जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि हम सरकारी स्कूलों का रेशनेलाइजेशन कर रहे हैं। इसके बाद ही अध्यापकों की सही स्थिति की तस्वीर सामने आएगी। तब अध्यापकों की जहां भी कमी होगी उसे पूरा किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो हम सेवानिवृत्त अध्यापकों से भी शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में सेवाएं लेंगे। आवश्यकता पड़ने पर हम अनुबंध आधार पर भी शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे।
रेवाड़ी में एम्स की स्थापना के लिए 207 एकड़ 2 कनाल 2 मरला भूमि की पहचान
सीएम ने कहा कि जिला रेवाड़ी में एम्स की स्थापना के लिए ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से 207 एकड़ 2 कनाल 2 मरला भूमि की पहचान की गई है। जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खरीद के बाद उसे भारत सरकार को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, हमारे कार्यकाल में 3 सरकारी और 4 प्राइवेट नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। वर्तमान समय में 13 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से 6 सरकारी, 6 प्राइवेट और एक सरकारी सहायता-प्राप्त है। जहां तक यूक्रेन से लौटे बच्चों की शिक्षा का सवाल है, जिन बच्चों की इंटर्नशिप होनी है, हम इसकी व्यवस्था करेंगे। यूक्रेन के मैडिकल कॉलेजों ने बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा शुरू कर दी है और वे घर पर ही कक्षाएं लगा रहे हैं।
इस बजट में हरियाणा की बेटी स्वर्गीय श्रीमती सुशमा स्वराज के नाम पर राज्य स्तरीय पुरस्कार की घोषणा की गई है। हमने बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास सुविधा देने के लिए फरीदाबाद, गुरूग्राम, और पंचकूला में कामकाजी महिला आवास बनाने का प्रस्ताव रखा है। जिला भिवानी के कुडल व छापर तथा जिला सोनीपत के गन्नौर में 3 नये सरकारी महिला कॉलेज खोले जायेगें ताकि लड़कियों को शिक्षा के अवसर प्रदान किये जा सके। महिला उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के लिए एक नई योजना 'हरियाणा मातृषक्ति उद्यमिता योजना' की घोषणा भी की गई। इसमें 5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की महिलाओं को किसी भी उद्यम, व्यापार या व्यवसाय के लिए 3 लाख रुपये तक के आसान ऋण प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इस ऋण पर 3 वर्ष के लिये 7 प्रतिषत ब्याज सहायता दी जायेगी। हमने वर्ष 2022-23 में 10,000 स्वंय सहायता समूहों की स्थापना और सहायता करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें गरीब परिवारों की कम से कम 50,000 महिलाओं को लाभकारी स्व रोजगार के लिये धन प्राप्त होगा। उन स्वयं सहायता समूहों के ऋण की सम्पूर्ण ब्याज राशि सरकार वहन करेगी, जिनके आधे से अधिक सदस्यों के परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है।