सर्दी में गर्मी जैसे हालात बने, 2200 की अपेक्षा 850 क्यूसेक ही पहुंचा नहरी पानी

यमुना का जलस्तर घटने की वजह से सुंदरग्रुप की नहरों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। दूसरी तरफ पानी की कमी के चलते सिंचाई विभाग ने मिताथल फीडर को बंद कर दिया है। साथ में जुई फीडर में नाममात्र ही पानी चलाया जा रहा है। अगर पानी बढ़ता है तो जुई फीडर में पानी बढ़ेगा। नहीं तो इसको भी बंद किया जा सकता है।;

Update: 2021-02-01 07:09 GMT

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी के चलते यमुना का जलस्तर घटने की वजह से सुंदरग्रुप की नहरों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। सिंचाई विभाग ने जिले की नहरों के लिए 22 सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग भेजी थी,लेकिन पीछे से पानी कम मिलने की वजह से फिलहाल सुंदरग्रुप की नहरों को मोहला हैड पर महज 847 क्यूसेक पानी पहुंचा पाया है। जिसकी वजह से रविवार दोपहर बाद तक सुंदरब्रांच डिस्ट्रीब्यूटरी में पानी ने तालू हैड को भी पार नहीं किया था। दूसरी तरफ पानी की कमी के चलते सिंचाई विभाग ने मिताथल फीडर को बंद कर दिया है। साथ में जुई फीडर में नाममात्र ही पानी चलाया जा रहा है। अगर पानी बढ़ता है तो जुई फीडर में पानी बढेगा। नहीं तो इसको भी बंद किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार यमुना में रविवार को भी पानी का स्तर डेढ हजार क्यूसेक के पास रहने की वजह से सुंदरग्रुप की नहरों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। सिंचाई विभाग ने जिले की नहरों के लिए 22 सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग की थी,लेकिन पानी कम होने की वजह से सुंदरग्रुप को शनिवार को 12 सौ क्यूसेक पानी मिला था,लेकिन यमुना का जलस्तर ओर घटने की वजह से रविवार तड़के मोहला हैड पर महज 847 क्यूसेक पानी पहुंचा। जिसकी वजह से सिंचाई विभाग के अधिकारियों के हाथ.पांव फूल गए। पानी कम मिलने के बाद अधिकारियों ने आला अधिकारियों से सम्पर्क किया,लेकिन फिलहाल पानी बढने की कोई संभावना नहीं है।

मिताथल फीडर को किया बंद

पानी कम मिलने की वजह से सिंचाई विभाग ने मिताथल फीडर को बंद कर दिया है। जुई फीडर में नाममात्र का पानी चलाया जा रहा है। फिलहाल सुंदर ब्रांच डिस्ट्रीब्यूटरी में साढे आठ सौ क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है। हालांकि सुंदरब्रांच डिस्ट्रीब्यूटरी में नौ सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मांग की थी,लेकिन पानी कम होने की वजह से फिलहाल कम पानी चलाया जा रहा है। पानी कम पहुंचने की वजह से इन नहरों व माइनरों के टेल निल रहने के आसार बन गए है। अगर पानी की स्थिति नहीं सुधरी तो इस बार किसानों की फसल बिना सिंचाई के रहेगी। दूसरी तरफ पानी कम मिलने की वजह से करीब 20 घंटे देरी से पानी पहुंच रहा है। समाचार लिखे जाने तक सुंदरब्रांच डिस्ट्रीब्यूटरी में तालू हैड से पानी आगे नहीं निकल पाया था।

पीने के पानी की सप्लाई में कटौती

नहरी पानी के देरी से पहुंचने की वजह से पब्लिक हेल्थ विभाग ने भी पानी की सप्लाई में कटौती करनी शुरू कर दी है। जिन इलाकों में 50 मिनट पानी की सप्लाई होती थी। अब उन इलाकों में महज 15 मिनट पानी दिया जा रहा है। कुछ इलाकों में नहरी पानी के साथ-साथ विभाग ने टयूबवैलों का पानी भी सप्लाई के साथ देना शुरू कर दिया है। ताकि नहरों में पानी पहुंचने तक शहर में पानी की सप्लाई जारी रखी जा सके। पानी की कमी को लेकर पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है।

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