कोरोना ने 1500 करोड़ की साइंस इंडस्ट्री की कमर तोड़ी
बारह सौ मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स में काम तो शुरू हुआ, लेकिन नहीं आ रहे ऑर्डर।;
धर्मवीर : अंबाला
कोरोना के कारण लागू किए गए दो महीने के लॉकडाउन ने अंबाला की साइंस इंडस्ट्री की कमर तोड़ कर रख दी है। कभी देश-विदेश में साइंस का सामान बनाने में सिरमौर रही अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को लॉकडाउन के असर से उभरने में लंबा वक्त लगेगा। इसके साथ ही अंबाला की सांइस इंडस्ट्री के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी चीन में कोरोना के काबू होने के कारण अब वहां की साइंस इंडस्ट्री के लिए विश्व स्तर पर हालात अनुकूल हो रहे हैं। ऐसे में अंबाला के साइंस सामान के कारोबारियों को आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से उम्मीद तो है लेकिन भारी भरकम टैक्स व विदेश व्यापार नीतियों के चलते उन्हे इस अभियान की सफलता पर संदेश भी है।
1200 इकाइयों में बनते हैं सैकड़ों उत्पाद
ब्रिटिश काल से अंबाला छावनी की साइंस इंडस्ट्री देश-विदेश में अपना नाम बनाए हुए है। छोटी-छोटी गलियों में स्थित इन माईक्रो व स्माल मैन्यूफैक्चरिंग ईकाईयों में स्कूल लैब,मेडिकल,इंजीनियरिंग व अन्य तमाम तरह का साइंस का सामान बनता है। सालाना अंबाला की साइंस इंडस्ट्री से करीब 1500 करोड़ का कारोबार होता है। करीब 1200 मैन्यूफैक्चरर के अलावा अंबाला में तीन सौ एक्सपोर्टर भी हैं। ये अंबाला के सांइस सामान को दुनियाभर में पहुंचाने का काम करते हैं।
नहीं मिल रहे आर्डर
इस समय मैन्यूफैक्चरर व एक्सपोर्टर दोनों ही हाथ पर हाथ धरे बैठै हैं। साइंस सामान के मैन्यूफैक्चरर उमेश गुप्ता कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण दो महीने इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद थी। अब उत्पादन शुरू हुआ है लेकिन खरीददार नहीं है। नए शैक्षणिक सत्र में देशभर से स्कूल कॉलेजों के आर्डर आते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार नया शैक्षणिक सत्र ही शुरू नहीं हुआ। ऐसे में इन जगहों से कोई नया आर्डर नहीं मिला। इसके अलावा विदेशों से तो लंबे समय तक किसी आर्डर की उम्मीद नहीं है। विदेशों से जो पुराने आर्डर मिले हुए थे वे भी विदेशों से आवागमन बंद होने के कारण अटके पड़े हैं।
टैक्स मंे मिले छूट तो बात बनें
साइंस कोरोबारी सुरेंद्र सहगल कहते हैं कि अंबाला की साइंस इंडस्ट्री में ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। बहुत कम सामान ऐसा है जिस पर 5 व 12 प्रतिशत जीएसटी लागू है। इसलिए सरकार को कोरोना राहत पैकेज के तौर पर साइंस सामान पर एकमुश्त 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना चाहिए। इससे साइंस कारोबारियों को कोरोना की मार से उभरने का मौका मिलेगा।
चीन से आयात बंद होना जरूरी
साइंस कारोबारी संदीप गुप्ता कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है वह सराहनीय है। लेकिन जब तक एक हजार रूपये का साइंस प्रोडक्ट चीन से आता रहेगा तब तक अंबाला में बना 1500 रूपये का वही प्रोडक्ट कोई नहीं खरीदेगा। इसलिए जब तक चीन के सामान का आयात बंद नहीं होता तब तक अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर भारत का कोई खास लाभ नहीं होगा। चीन में भारत से पहले कोरोना कंट्रोल होने के कारण अब चीन को इस क्षेत्र में और खुलकर खेलने का मौका मिल गया।