Rohtak PGIMS के डाॅक्टरों का रिसर्च : कोरोना ने बच्चों को कुछ नहीं कहा, बड़े डिप्रेशन में गए, महिलाएं ज्यादा प्रभावित

डेंटल कॉलेज से डॉ. हरनीत सिंह ने 700 लोगों पर सर्वे करके कोविड के बाद आए बदलावों का अध्ययन किया। डॉ. राहुल ने मुंह में आए बदलाव को लेकर सर्वे किया और शिशु रोग विभाग से डॉ. अंजली 54 बच्चों पर किए गए अपने रिसर्च में देखा कि बच्चों को कितना प्रभावित किया।;

Update: 2022-02-01 04:53 GMT

हरिभूमि न्यूज:रोहतक

रोहतक पीजीआईएमएस के तीन चिकित्सकों ने कोविड-19 की दूसरी लहर में अलग-अलग तरह के रिसर्च किए। डेंटल कॉलेज से डॉ. हरनीत सिंह ने 700 लोगों पर सर्वे करके कोविड के बाद आए बदलावों का अध्ययन किया। डॉ. राहुल ने मुंह में आए बदलाव को लेकर सर्वे किया और शिशु रोग विभाग से डॉ. अंजली 54 बच्चों पर किए गए अपने रिसर्च में देखा कि बच्चों को कितना प्रभावित किया। सामने आया कि जिन बच्चों को टाइप-1 डायबिटीज की समस्या थी और वे संक्रमित भी हुए, लेकिन उन्हें किसी गंभीर स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। डॉ. हरनीत सिंह ने नौकरी पेशा लोगों और छात्रों आदि पर किए गए रिसर्च में पाया कि करोना के कारण अधिकतर डिप्रेशन में आए। महिलाओं में ज्यादा मानसिक बदलाव पाए गए। डॉ. राहुल ने ब्लैक फंगस की समस्या पर रिसर्च किया। 

तीनों चिकित्सकों के रिसर्च को सराहा गया और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग चंडीगढ़ द्वारा प्रथम स्थान पाने वाले चिकित्सकों को 50 हजार और दूसरे स्थान वाले चिकित्सकों को 25 हजार की नकद राशि पुरस्कार भेंटी की। सोमवार को कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना, कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल, निदेशक डॉ. एसएस लोहचब, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह, डीन एकेडमीक अफेयर डॉ. अशोक चौहान और प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी ने संस्थान में तीनों चिकित्सकों को बधाई दी।

बच्चों पर दो महीने सर्वे

54 बच्चों पर रिसर्च की गई, जिन्हें टाइप वन डायबिटीज थी। 15 मार्च से 14 मई तक चली करीब 2 महीने की रिसर्च में पाया कि करीब 34 बच्चों का टेस्ट हुआ, जिसमें 8 बच्चे संक्रमित पाए गए। लेकिन गंभीर स्थिति नहीं थी। -डॉ. अंजली, एसोसिएट प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग। 

शरीर में भी बदलाव आए

करीब 700 लोगों पर कोविड-19 के प्रभाव पर सर्वे करवाया था। सर्वे में प्राइवेट प्रैक्टिशनर, पीजी छात्र, यूजी छात्र और शिक्षकों को शामिल किया था। रिसर्च में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए अधिकतर में डिप्रेशन पाया।- डॉ. हरनीत सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, डेंटल कॉलेज। 

ब्लैक फंगस के इलाज में सहायक

कोविड-19 कारण शरीर में और मुंह में आए बदलावों पर रिसर्च की थी कि किस वजह से ब्लैक फंगस की समस्या कोविड के मरीजों में आ रही है। डॉ. माला कंबोज और डॉ. अंबिका गुप्ता ने ने उन्हें बधाई दी।- डॉ. राहुल, सीनियर रेजिडेंट। 

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