कोर्ट ने HSSC को दिए प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी करने के आदेश, जानें पूरा मामला

याचिकाकर्त्ता शिल्पा रानी ने कई पदों के लिए अप्लाई किया था और फीस भी बैंक में चालान से भरी थी। पर जब उसने एडमिट कार्ड डाउनलोड करना चाहा तो उसे यह जानकर बड़ी हैरानी हुई कि आयोग की वेबसाइट के मुताबिक उसकी फीस नहीं भरी हुई है।;

Update: 2021-12-23 13:43 GMT

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद

फीस भरने के बावजूद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ( Haryana Staff Selection Commission ) द्वारा एक युवती को एडमिट कार्ड ( Admit Card ) जारी न करने के मामले में सुनवाई करते हुए सिविल जज उदिता की अदालत ( Court ) ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ( Hssc ) को आदेश दिया है कि वह विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवार अग्रवाल कॉलोनी निवासी शिल्पा रानी को आगामी दिनों में होने वाली आयोग की परीक्षाओं में बैठने के लिए प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी करे ताकि वह इन परीक्षाओं में बैठ सके। परीक्षा के परिणाम अदालत के आदेश पर निर्भर रहेगा।

याचिकाकर्त्ता शिल्पा रानी ने सीनियर अकाऊंटेंट, अकाऊंट क्लर्क, असिस्टेंट रेवेन्यू क्लर्क और जिलेदार के पद के लिए कैटेगरी नंबर 1412, 28 और 29 के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा था। आयोग की निर्धारित फीस भी पंजाब नेशनल बैंक ( Punjab National Bank ) में चालान से भरी थी। 21 नवंबर 2021 को सीनियर अकाऊंटेंट का पेपर होना था। इसके लिए शिल्पा ने जब एडमिट कार्ड डाउनलोड करना था तो उसे यह जानकर बड़ी हैरानी हुई कि वेबसाइट के मुताबिक उसकी फीस नहीं भरी हुई है। आयोग के पंचकूला स्थित मुख्यालय जाने पर भी मामले का हल नहीं हुआ। इसी दौरान यह परीक्षा आयोग ने रद्द कर दी। जब नई तारीखें घोषित की गई तो याचिकाकर्त्ता ने अपने वकील राजबीर सिंह के मार्फत अदालत में आयोग व पंजाब नेशनल बैंक के खिलाफ याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने आयोग और पंजाब नेशनल बैंक को समन कर तलब किया, लेकिन आयोग की तरफ से कोई अदालत में पेश नहीं हुआ। इस पर अदालत ने आयोग को एक्स पार्टी करते हुए याचिकाकर्त्ता शिल्पा को ये आदेश करते हुए राहत प्रदान कर दी कि आने वाली परीक्षा में बैठने के लिए याचिकाकर्त्ता को प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी किया जाए। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्त्ता की एक परीक्षा 26 दिसंबर को होनी है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पीएनबी बैंक ने याचिकाकर्त्ता को सूचित किया कि बैंक की ओर से आयोग को परोपर फीस भेज दी गई थी। वहीं याचिकाकर्त्ता की एक परीक्षा पहले ही हो चुकी है।

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