राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी में देसी नस्ल की गायों की धूम

राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी में देसी नस्ल की गाय पशुपालकों की पहली पसंद बनती जा रही है, साथ ही आम दर्शकों के बीच आकर्षक का केंद्र बनी हैं। इस कार्यक्रम में पशुओं की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने आ रहे किसान देसी नस्ल की गायों पर पूरा फोकस ही नहीं कर रहे हैं बल्कि खरीदने के लिए ललायित हैं।;

Update: 2023-03-12 08:40 GMT

आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दादरी शहर से सटे घसोला मार्ग पर चल रही तीन दिवसीय पशु प्रदर्शनी में भले ही मुर्राह नस्ल के झोटों और शानदार घोड़ों का दबदबा हो, मगर इन सबके बीच हरियाणा नस्ल की देसी गायों की भी खूब धूम दिख रही है।राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी में देसी नस्ल की गाय पशुपालकों की पहली पसंद बनती जा रही है, साथ ही आम दर्शकों के बीच आकर्षक का केंद्र बनी हैं। इस कार्यक्रम में पशुओं की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने आ रहे किसान देसी नस्ल की गायों पर पूरा फोकस ही नहीं कर रहे हैं बल्कि खरीदने के लिए ललायित हैं।

गौ पालन की दिशा में सरकार प्रभावी रूप से काम कर रही है। पशुधन प्रदर्शनी में भी देसी गाय को प्रोत्साहन स्वरूप अनेक योजनाओं का किर्यान्वयन बखूबी हो रहा है। प्रदर्शनी में भाग ले रहे लोगों से लग रहा है कि गौ पालन की दिशा में आमजन का रुझान बढ़ रहा है। यहां आई अनेक देसी गाय न केवल रैम्प पर अपना कमाल दिखा रही है, बल्कि अपने मालिकों को भी इनाम दिलाकर मालामाल कर रही है।

इस बार पशुधन प्रदर्शनी में देखने वाली खास बात यह है कि डेयरी संचालकों, सामान्य पशुपालकों के अलावा गोशालाओं और डेरों से भी गाय पशु प्रदर्शनी में लेकर पहुंचे है और इनका रंग, कद काठी देख हर कोई हैरान है। देसी गायों की खास बात यह भी है कि पशुपालक इन्हें सिर्फ साधारण चारा खल, चना चूरी खिला रहे हैं। देसी के साथ ही साहीवाल गाय भी सबके आकर्षण का केंद्र रही।

गौ पालन से मिलता है अनन्त सुकून

राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी में चैंपियन रही देसी गाय के साथ पहुंचे झज्जर के गांव ग्वालिशन से पशु प्रदर्शनी में पहुंचे चरण सिंह की देसी गाय भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी है। उनके परिवार में हमेशा से ही गौ पालन को महत्व दिया जा रहा है। उनकी कई पीढियां गौसेवा के लिए कार्य कर रही हैं, मगर सरकार की गौ सेवा को बढ़ावा देने की मुहिम से उनको काफी लाभ मिल रहा है। उनकी गाय 15 से 18 लीटर तक दूध देती है और सान्त्वना पुरस्कार जीत चुकी है।

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