क्रिकेटर युवराज सिंह को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जानें मामला
युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी जिस पर हांसी थाना शहर में उनके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था।;
दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दर्ज एफआइआर को रद करने की युवराज सिंह ( Yuvraj Singh ) की मांग की याचिका पर बुधवार को शिकायतकर्ता के वकील अर्जुन श्योराण ने हाईकोर्ट को बताया कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा की कलाकार मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की एक वीडियो जारी की थी जिस पर हांसी में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
इस मामले में दर्ज एफआइआर को रद्द करवाने के लिए मुनमुन दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी थी। श्योराण ने हाई कोर्ट ( High Court ) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी रखते हुए कहा कि यह मामला भी उसी तरह का है ऐसे में यह याचिका खारिज होनी चाहिए। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 दिसंबर तक स्थगित करते हुए शिकायतकर्ता के वकील को अगली सुनवाई पर पक्ष रखने का आदेश दिया।
ज्ञात रहे कि क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी जिस पर हांसी थाना शहर में उसके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को युवराज सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर युवराज सिंह को आदेश दिया था कि जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करें, अगर पुलिस उनको गिरफ्तार करती है तो जांच अधिकारी अपनी संतुष्टि पर जमानत दे। जिसके बाद युवराज सिंह जांच अधिकारी के सामने पेश हुए थे।