दम तोड़ रहा करोड़ों रुपये का सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट

अब इस प्रोजेक्ट की मशीनें और मोटर अब जंग खाने लग रही हैं। इस प्रोजेक्ट में नहरी पानी की व्यवस्था की गई थी। इसको धोली माइनर से जोड़ा गया है। लेकिन पिछले लगभग तीन साल से ही धोली माइनर में पानी नहीं आया है।;

Update: 2021-06-09 05:29 GMT

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

गांव पाली में लगभग तीन वर्ष पूर्व तैयार हुआ सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट आज तक भी चालू नहीं हुआ है। इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये का खर्च आया था। अब इस प्रोजेक्ट की मशीनें और मोटर अब जंग खाने लग रही हैं। इस प्रोजेक्ट में नहरी पानी की व्यवस्था की गई थी। इसको धोली माइनर से जोड़ा गया है। लेकिन पिछले लगभग तीन साल से ही धोली माइनर में पानी नहीं आया है। एक तरफ जहां नहरी पानी ना पहुंचने की वजह से ये प्रोजेक्ट सफेद हाथी साबित हो रहा है वहीं इसके बारे में आस-पास के किसानों में भी कोई जागरूकता नहीं है।

इस प्रोजेक्ट से आस-पास के लगभग 250 एकड़ में पाइप लाइन बिछाई गई थी, लेकिन उस समय किसानों को सिर्फ ये बताया गया था कि उनके खेतों में नहरी पानी से सिंचाई होगी। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ना तो सिंचाई विभाग की तरफ से और ना ही कृषि विभाग की तरफ से कोई कैंप या अन्य किसी माध्यम से इस प्रोजेक्ट की उपयोगिता के बारे में इन किसानों को कोई सूचना दी गई।

श्री सुंडाराम ट्रस्ट के प्रधान संदीप मालड़ा ने बताया कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के कंपाउंड में पहुंचकर किसानों से इस बारे में खुलकर चर्चा की। पालड़ी के एक किसान ने बताया कि इस इलाके में भूजल स्तर एक तो बहुत नीचे है पर फिर भी अगर बोरवेल लगा भी लें तो पानी सिंचाई के योग्य बिल्कुल भी नहीं है। जब ये प्रोजेक्ट लगाया गया था तो उन्हें कहा गया था कि सरकार उनके खेतों में नहरी पानी से सिंचाई की व्यवस्था कर रही है। इस आधार पर आसपास के लगभग 250 एकड़ रकबे में पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन छोड़े गए। अब तीन साल ये प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है, लेकिन एक बार भी कोई हमारे पास नहीं आया। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट सिंचाई विभाग के सीएडीए विभाग के अंतर्गत आता है और वे एक दो दिन में ही इस विभाग के एसडीओ से मुलाकात कर इसको चालू करवाने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

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