Jind : बर्खास्त पीटीआई के समर्थन में आयोजित महापंचायत में उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ी

कोरोना(Corona) काल में विवाह शादियों के लिए 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति (Permission) दी जाती है। धारा 144 लगी हुई है। रैली जैसे आयोजनों पर प्रतिबंद्ध लगा हुआ है, बावजूद इसके महापंचायत में हजारों की भीड़ उमड़ी, अगर भीड़ में शामिल कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो कितने लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होगा इसका अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है।;

Update: 2020-07-18 08:48 GMT

हरिभूमि न्यूज : जींद

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों (PTI teachers) की बहाली की मांग को लेकर नई अनाज मंडी में आयोजित सर्वजातिय सर्वखाप महापंचायत (Sarvakhap Mahapanchayat) में कोरोना काल के दौरान भारी संख्या हजारों की भीड़ उमड़ी। यहां तक की महापंचायत में सोशल डिस्टेंस (Social distance) की भी जमकर धज्जियां उड़ी। लोग एक दूसरे के साथ सटे हुए बैठे थे तो काफी संख्या में लोगों ने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगाया हुआ था। खास बात यह भी रही कि महापंचायत को लेकर जिला प्रशासन से कोई अनुमति (Permission) नहीं ली गई। भारी संख्या में उमड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस भी मुकदर्शक बनी रही।

महापंचायत में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों के साथ अन्य कर्मचारी तथा छात्र संगठन तथा खापें भी भाग ले रही हैं। हालांकि बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने व्यापक स्तर पर महापंचायत को लेकर प्रचार प्रसार किया और स्थान के साथ-साथ 18 जुलाई की निर्धारित की हुई थी। हालांकि शनिवार सुबह महापंचायत आयोजकों तथा पुलिस के बीच खींचतान भी हुई। महापंचायत को देखते हुए तैनात किए गए पुलिस अधिकारियों का कहना था कि किसी भी सूरत में महापंचायत का आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। महापंचायत में भीड़ बढ़ने के साथ पुलिस ने भी दूरी बना ली।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरोना काल में विवाह शादियों के लिए 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी जाती है। धारा 144 लगी हुई है। रैली जैसे आयोजनों पर प्रतिबंद्ध लगा हुआ है, बावजूद इसके महापंचायत में हजारों की भीड़ उमड़ी, अगर भीड़ में शामिल कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो कितने लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होगा इसका अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है। वहीं, जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त डयूटी मजिस्ट्रेट ने महापंचायत में शामिल होने वाले लोगों की पहचान जुटानी शुरू की हुई है। साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण काल में आदेशों की अवेहलना कर महापंचायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं ली गई

ड्यूटी मजिस्ट्रेट मनोज अहलावत ने कहा कि जो रैली आयोजित की गई है उसकी कोई अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं ली गई है। जो लोग रैली में शामिल हुए उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। आदेशों की अवेहलना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

विधायक कुंडू का सरकार पर हमला

महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों को समर्थन देने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा मांगने से कुछ नहीं मिलता, अधिकार छीनने पड़ते हैं। खट्टर सरकार की तानाशाही को खत्म करना है तो बरोदा उपचुनाव में मौका है। खट्टर सरकार को बरोदा में धूल चटा दो, सरकार तुम्हारे कदमों में होगी और फिर किसी सरकार की औकात नहीं होगी कि वह कर्मचारी भाइयों के साथ बेइंसाफी कर सके।

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