सावधान! साइबर ठग लूट रहे मेहनत की कमाई, सोशल साइट्स के जरिए भेजे गए एप पर न करें क्लिक

सोशल साइट व संदेश के जरिए भेजी जा रही मोबाइल फोन पर सामग्री आर्थिक हानि पहुंचा रही हैं। ऐसे में मोबाइल फोन का सही व सावधानी तरीके से इस्तेमाल करने पर साइबर ठगी के मामलों से बचा जा सकता हैं।साइबर सेल लोगों को ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जा सकता हैं। उसको लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी।;

Update: 2022-07-09 06:20 GMT

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

डिजीटल दुनिया में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल फोन में जोड़ी गई बैंक खातों की जानकारी साबित हो रही हैं। साइबर ठग एक क्लिक में मोबाइल फोन में जुड़े खातों से मेहनत की कमाई को ठगने का काम कर रहे हैं। सोशल साइट व संदेश के जरिए भेजी जा रही मोबाइल फोन पर सामग्री आर्थिक हानि पहुंचा रही हैं। ऐसे में मोबाइल फोन का सही व सावधानी तरीके से इस्तेमाल करने पर साइबर ठगी के मामलों से बचा जा सकता हैं। जिला साइबर सेल लोगों को ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जा सकता हैं। उसको लेकर जागरूकता अभियान चलायेगी।

बता दें कि मोबाइल जीवन शैली का अंग बन चुका हैं। वहीं मोबाइल का लापरवाही से प्रयोग करना आपकी मेहनत की कमाई को ठगों के हाथों में पहुंचा सकता है। अपरिचित लोगों से लंबी बातचीत और बेवजह आने वाले मैसेज-लिंक को डाउनलोड करना नुकसानदेह हो सकता है। साइबर ठग कंपनी, बैंक, विभाग या सामाजिक संगठन के कर्मचारी बनकर लोगों को बातों में उलझा लेते हैं। इनके सहारे वह साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। साइबर ठगी के दौर में मोबाइल का प्रयोग करना भी बड़ी चुनौती है। साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि सबसे अच्छा बचाव जागरूकता है। मोबाइल का प्रयोग करते समय ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही से साइबर ठग पूरा बैंक खाता साफ कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति से न तो लंबी बातचीत की जाएं और न ही उसको किसी भी तरह की जानकारी मोबाइल पर दी जाएं।

साइबर ठग लोगों के दैनिक जीवन से जुड़ी परेशानियों के संबंध में बातचीत करके रुपया ट्रांसफर कर जेते हैं। राशन कार्ड, पेंशन, बिजली कनेक्शन, एलआइसी-बीमा पालिसी से संबंधित परेशानी, हवाई व रेल टिकट के रिफंड, अस्पतालों व तीर्थ स्थलों पर बुकिंग व शासन की योजनाओं की जानकारी देने के नाम पर ठगी कर लेते हैं। इस संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

कागजी व ओटीपी जानकारी न करें किसी से सांझा

साइबर एक्सपर्ट के अनुसार ठगी करने वालों का जोर पांच जानकारी हासिल करने पर है। हरियाणा सहित एनसीआर के लोगों को इस तरह की मोबाइल काल लगातार मिल रही हैं। साइबर ठग बैंक या कंपनी के अधिकारी बनकर या सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों को फोन करते हैं। वह लंबी बातों में उलझाकर पांच सूचना प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने अनजान लोगों से मोबाइल पर लंबी बात करने से बचने और किसी हाल में अपनी पांच व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करने का सुझाव दिया है।

बैंक खातों में दर्ज अपना सही-सही नाम

बैंक रिकार्ड में दर्ज जन्म-तिथि

आधार कार्ड और पेनकार्ड नंबर

डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर व पासवर्ड

बैंक में जमा धनराशि की जानकारी

मोबाइल फोन का जीवन शैली में महत्वपूर्ण स्थान बन चुका हैं। डिजिटल लेनेदेन सहित कागजी जानकारी किसी से फोन पर किसी से सांझा नहीं करनी चाहिए। सावधानी से मोबाइल फोन व जरूरी एप के इस्तेमाल से साइबर ठगी से बचा जा सकता हैं। किसी अनजान नंबर पर लंबी बातें भी साइबर परेशानी में डाल सकती हैं। साइबर सेल की तरफ से साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। - जोगेंद्र सिंह कुंडू, प्रभारी, साइबर सेल ।

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