यशपाल शर्मा की 'दादा लखमी' को मिला सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फीचर फिल्म का पुरस्कार

इस फिल्म का निर्माण रविन्द्र राजावत और बाॅलीवुड अभिनेता एवं हिसार निवासी यशपाल शर्मा ने मिलकर किया है। सूर्यकवि सांगी स्वर्गीय पं. लखमीचंद की बायोपिक 'दादा लखमी' के निर्देशक यशपाल शर्मा ही हैं।;

Update: 2022-07-22 14:15 GMT

सुशील सैनी : रोहतक

एक बार फिर हरियाणवी सिनेमा की झाेली राष्ट्रीय पुरस्कार से भर गई है। जी हां, फिल्म 'दादा लखमी' को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फीचर फिल्म की श्रेणी में बेस्ट हरियाणवी फीचर फिल्म का अवार्ड मिला है। इसकी घोषणा शुक्रवार को नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के नामों के दौरान की गई। बता दें कि बीते वर्ष भी राजेश अमरलाल बब्बर निर्देशित 'छोरियां छोरों से कम नहीं होती' और उससे पूर्व संदीप शर्मा के निर्देशन में बनी 'सतरंगी' को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। अनहद स्टूडियो प्रा. लि. एवं यशविद्या फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस फिल्म का निर्माण रविन्द्र राजावत और बाॅलीवुड अभिनेता एवं हिसार निवासी यशपाल शर्मा ने मिलकर किया है। सूर्यकवि सांगी स्वर्गीय पं. लखमीचंद की बायोपिक 'दादा लखमी' के निर्देशक यशपाल शर्मा ही हैं। यशपाल शर्मा ने इस फिल्म से निर्देशक के रूप में डेब्यू किया है। वे इस फिल्म के लीड रोल में भी हैं। कहा जा सकता है कि एक्टर यशपाल शर्मा इस फिल्म की यूएसपी हैं।

गौरतलब है कि थिएटर पर आने से पहले ही 'दादा लखमी' को दर्जनों फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। इसे बाॅक्स आफिस पर फिल्म की सफलता के लिए शुभ संकेत माना जा सकता है। 24 मार्च, 2021 को जोधपुर में आयोजित राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) में दादा लखमी' को 'बेस्ट म्यूजिकल फिल्म' के सम्मान से नवाजा गया। वहीं, 4 अप्रैल, 2021 को दिल्ली के हंसराज कालेज में संपन्न हुए काशी इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड (किफा) में इस फिल्म ने चार अवॉर्ड हासिल किए हैं। इनमें बेस्ट बायोपिक फिल्म ( निर्माता-रविंद्र राजावत और यशपाल शर्मा ), बेस्ट डायरेक्टर डेब्यू फिल्म (यशपाल शर्मा), बेस्ट एक्टर ( हितेश शर्मा ) और बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर ( राजेंद्र गुप्ता ) के नाम से अवॉर्ड मिले हैं।

'दादा लखमी' एक कलाकार की गीत-संगीत को जानने, सीखने और उसी में रच-बस जाने की जीवन व्यथा है। हरियाणवी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता-लेखक राजू मान ने कथा को बड़ी शालीनता से लिखा है। राजू मान और यशपाल शर्मा का स्क्रीनप्ले पूरी कसावट लिए हुए है। वहीं, इनके लिखे डायलॉग भी काफी दमदार बने हैं। बॉलीवुड के विख्यात संगीतकार उत्तम सिंह ने फिल्म में उम्दा संगीत संजोया है। दो भक्ति गीत ओपी हरियाणवी तथा राजू मान ने लिखे हैं। अन्य गीत पं. लखमीचंद के ही रचे हुए हैं, जिन्हें प्रेम सिंह देहाती, मीनाक्षी पांचाल, सोमवीर कथूरवाल, मासूम शर्मा, सुभाष फौजी, श्याम शर्मा और इंदरसिंह लांबा ने अपनी मधुर आवाज में पिरोया है।

फिल्म में सांगी पं. लखमीचंद के बचपन का रोल योगेश वत्स ने बड़े अच्छे से निभाया है। युवा रूप में हितेश शर्मा ने अपनी अभिनय प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया है। परिपक्व लखमीचंद का कैरेक्टर खुद यशपाल शर्मा ने निभाया है। वहीं, गुरु मानसिंह के रोल में लीजेंड बॉलीवुड एक्टर राजेंद्र गुप्ता हैं। एक और बॉलीवुड कलाकार मेघना मलिक ने मां का दमदार अभिनय किया है। इनके अलावा, राजेंद्र भाटिया, सतीश कश्यप, मुकेश मुसाफिर, प्रतिभा शर्मा, सुमित्रा हुड्डा पेढनेकर, जे.डी. बल्लू, सोनू सिलन, नवीन भिवानी, रवि चौहान, राजू मान, रामपाल बल्हारा, आदि कलाकार भी अपने-अपने पात्रों में खूब जमे हैं। सुप्रतिम भोल, विकास शर्मा और विकास कौशिक की सिनेमैटोग्राफी आंखों को सुकून प्रदान करती है। जयंत देशमुख व गिरिजा शंकर का आर्ट डायरेक्शन तथा असीम सिन्हा का संपादन उम्दा दर्जे का है। माला डे ने भी कॉस्टयूम का पूरे सलीके से ख्याल रखा है। फिल्म का यह पार्ट वन है और इसका पार्ट टू निर्माणाधीन है। उसमें आप लखमीचंद के परिपक्व पात्र को देख पाएंगे।



दादा लखमी फिल्म की शूटिंग के दौरान यशपाल शर्मा। 

 


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