खाद की किल्लत : सरकारी बिक्री केंद्रों पर डीएपी खाद खत्म, किसान परेशान
इस समय सरसों की बिजाई का सीजन पीक पर चल रहा है, लेकिन बिजाई से पहले खेत में डाला जाने वाला डीएपी खाद ही नहीं है। डीएपी खाद का स्टॉक ही खत्म हो चुका है। दूसरी ओर जरूरतमंद किसानों को प्राइवेट डीलरों से खाद खरीदना पड़ रहा है।;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
जिले में हैफेड के पास डीएपी खाद का स्टॉक खत्म हो गया है और किसान एक-एक बैग के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, लेकिन उन्हें डीएपी का एक दाना भी नसीब नहीं हो रहा। जो किसान डीएपी खाद से वंचित रह गए, उन्हें रबी फसलों खासकर सरसों की बिजाई न कर पाने की चिंता सता रही है।
दूसरी ओर कृषि अधिकारियों ने खाद की कोई कमी नहीं होने का दावा किया है। खरीफ फसलों की कटाई के बाद इलाके के किसानों ने सरसों की बिजाई पर फोकस किया हुआ है। क्षेत्र के किसान काला सोना मानी जाने वाली सरसों की अगेती बिजाई एक अक्टूबर से शुरू कर देते हैं, जो 20 अक्टूबर तक चलती है। इस समय सरसों की बिजाई का सीजन पीक पर चल रहा है, लेकिन बिजाई से पहले खेत में डाला जाने वाला डीएपी खाद ही नहीं है। डीएपी खाद का स्टॉक खत्म हो चुका है। दूसरी ओर जरूरतमंद किसानों को प्राइवेट डीलरों से खाद खरीदना पड़ रहा है।
सरसों बिजाई में देरी नहीं करना चाहते किसान
इलाके में रबी और खरीफ की फसलों में सबसे ज्यादा आमदनी देने वाली फसल सरसों ही होती है। वर्तमान में सरसों का भाव करीब 8500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। ऐसे में किसान इसकी बिजली करने में किसी भी तरह की देरी का जोखिम नहीं लेना चाहते। अबकी बार मानसून के सितंबर के अंत तक सक्रिय रहने के चलते किसान नमी का फायदा भी उठाना चाहते हैं और वह अधिकाधिक उत्पादन लेने के लिए सरसों की बिजाई करने में कोई चूक नहीं करना चाहते।
संगठन ने की पर्याप्त खाद आपूर्ति की मांग
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव कामरेड बलबीर सिंह ने सरकार से तुरंत डीएपी खाद की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करने तथा बाजरा की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग की है। जिला प्रशासन डीएपी आपूर्ति की वास्तविक स्थिति से किसानों को अवगत करवाए। अन्यथा मार्केटिंग सोसायटी के कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
मार्केटिंग सोसायटी का स्टॉक भी खत्म
हैफेड के सेल प्वाइंटों पर डीएपी खाद खत्म हो चुका है। नारनौल स्थित मार्केटिंग सोसायटी के सेल प्वाइंट पर 28 मई 2021 को 150 बैग डीएपी खाद मौजूद था। इसके पश्चात 26 सितंबर को 500 बैग, 4 अक्टूबर को 300 बैग, 7 अक्टूबर को 350 बैग तथा 8 अक्टूबर को 300 बैग डीएपी खाद बेचा गया। मगर अब डीएपी खाद का एक बैग भी उपलब्ध नहीं है। यही हाल अन्य जगहों का है। शुरू में एक किसान को दस-दस बैग डीएपी दिया गया, जो बाद में महज एक बैग कर दिया गया।
500 मीट्रिक टन खाद की डिमांड
हैफेड के जीएम राजकुमार शर्मा ने बताया कि डीएपी खाद का स्टॉक खत्म हो गया है। फिर से डीएपी खाद की डिमांड की गई है। हमने कम से कम 500 मीट्रिक टन डीएपी खाद मांगा है। एक-दो दिन में खाद के आने की संभावना है और खाद मिलने पर आपूर्ति चालू कर दी जाएगी।
कालाबाजारी पर कराएंगे केस दर्ज
कृषि विभाग के डीडीए डा. वजीर सिंह ने बताया कि प्राइवेट में डीएपी की कोई कमी नहीं है। आज ही 14 हजार बैग चंबल कंपनी का डीएपी प्राइवेट डीलरों के पास उतारा है। यदि खाद की कमी की आड़ में कोई कालाबाजारी करेगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।