सबूतों के साथ परिवहन मंत्री के दरबार में पहुंच गए 'मृत' बुजुर्ग, बोले- शुरू की जाए हमारी भी पेंशन
परिवहन मंत्री ने उन्हें इतना ही कहा कि उन्होंने अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं। जल्द ही उनकी पेंशन शुरू हो जाएगी।;
कैथल। गुरुवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के सामने जिला के चार बुजुर्ग अपने जिंदा होने के सबूत लेकर पहुंचे। बुजुर्गों ने कहा कि उनके पास उनके जिंदा होने के तमाम सबूत मौजूद हैं। लेकिन फिर भी समाज कल्याण विभाग ने उन्हें मृत बताकर उनकी पेंशन काट दी है।
गांव प्यौदा के बुजुर्ग कलीराम (69) ने परिवहन मंत्री को बताया कि 2013 में उसकी पेंशन शुरू हुई थी। उसके चाचा के लड़के ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिलकर उसकी जन्म तिथि में हेरा फेरी करवाकर उसे मृत बताकर पेंशन कटवा दी। वह 4 बार अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन वे सुनने के लिए तैयार नहीं। दाल में कहीं तो काला है मंत्री जी। कागजों में हेराफेरी करने वाले को सजा देकर हमारी पेंशन शुरू करवाई जाए।
इसी प्रकार गांव गुलियाना के निवासी रामकला पुत्र देवा सिंह ने परिवहन मंत्री को बताया कि उसे मृत बताकर समाज कल्याण विभाग ने उसकी पेंशन काट दी है। वह समाज कल्याण विभाग को अपने जिंदा होने के सबूत भी दे चुके हैं, लेकिन उनकी आज तक पेंशन शुरू नहीं की गई। राम कला ने अस्पताल में दाखिल होने से लेकर वोट डालने के सारे प्रमाण उसके जिंदा होने के सबूत के तौर पर दिखाए। परिवहन मंत्री ने उन्हें इतना ही कहा कि उन्होंने अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं। जल्द ही उनकी पेंशन शुरू हो जाएगी।
खुद को जिंदा साबित करने के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगा रही रानी
बरवाला ( हिसार )। गांव खेदड़ में स्वयं को जिंदा प्रमाणित करने के लिए 64 वर्षीय बुजुर्ग महिला रानी इन दिनों जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रही है। लेकिन बुजुर्ग महिला की पेंशन बहाल नहीं हुई है। महिला रानी के अनुसार 6 मार्च 2019 से उसे बुढ़ापा पेंशन मिल रही थी। विभाग ने कागजों में उसे 15 अप्रैल 2022 को मृत घोषित कर दिया। समाज कल्याण विभाग के बुढ़ापा पेंशन के ऑनलाइन स्टेट्स में उसे मृत दिखाकर उसकी पेंशन बंद कर दी गई है। बुजुर्ग को पिछले 5 माह से पेंशन नहीं मिली है। चूंकि विभाग ने रिकार्ड में उसे मृत करार दे रखा है। अप्रैल में पेंशन बंद हुई तो बुजुर्ग रानी गांव में सीएससी सेंटर संचालक के साथ जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में गांव के सरपंच और नंबरदार से जिंदा होने के सबूत सहित कागजात लेकर पहुंची। इसके पश्चात बुजुर्ग महिला कई बार विभाग के चक्कर लगा चुकी है। महिला के अनुसार बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उसकी पेंशन शुरू नहीं हुई है। जबकि सीएससी सेंटर संचालक तथा ग्रामीणों से लिखवाकर भी दिया जा चुका है कि वह जिंदा है। लेकिन विभाग ने बुजुर्ग महिला का अब तक भी जिंदा होना स्वीकार नहीं किया है।