Deepender Hooda बोले, प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र की संपत्तियों के पंजीकरण में बड़ा घोटाला, हो जांच

राज्यसभासदस्य दीपेंद्र हुड‍्डा ने आमजन (Common man) और किसानों को हो रही परेशानियों को देखते हुए सरकार से संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगी रोक हटाने की मांग की है।;

Update: 2020-07-23 14:41 GMT

चंडीगढ़। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश भर में नगरपालिका सीमा, शहरी क्षेत्रों के भीतर कृषि भूमि के मामले में तक और अन्य संपत्तियों के मामले में 30 जुलाई तक अचल संपत्ति के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाने के कदम की आलोचना की है।

उन्होंने कहा कि पता चला है कि हरियाणा में एनसीआर इलाके की संपत्तियों के पंजीकरण में भारी घोटाला हुआ है, जहां कथित रूप से तहसीलदारों और नायब द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से एनओसी प्राप्त किए बिना नगरपालिका (Municipality) क्षेत्रों के भीतर कृषि संपत्तियों के पंजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नाक के नीचे चावल मिल धान भंडारण घोटाला, बस किलोमीटर योजना घोटाला, चीनी मिल खरीद घोटाला, HSSSC नौकरियों में घोटाला के बाद अब ताज़ा रजिस्ट्री घोटाला अंजाम दिया गया है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अगर डेटा या प्रक्रियाओं में कोई मामूली कमियां थी भी तो पूरी प्रक्रिया को रोकने और शहरी क्षेत्रों में विलेखों के पंजीकरण का काम रोकने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि ऑन-लाइन सिस्टम के जगह मैनुअल निर्देश और मैनुअल प्रणाली काम किया जा सकता था। दीपेन्द्र हुड्डा ने इसके कारण आमजन और किसानों को होने वाली असुविधा पर घोर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी तंत्र की खामियों के लिए अनावश्यक रूप से गरीब और असहाय जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

हरियाणा में पंजीकरण पर प्रतिबंध के पीछे कोई छुपा हुआ निहित एजेंडा होने की आशंका को व्यक्त करते हुए उन्होंने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और इस घोटाले के पीछे का पूरा सच सामने आ जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से अपील करी कि वो विलेखों की रजिस्ट्री पर लगा प्रतिबन्ध हटाये और उचित तकनीकी समाधानों के जरिये लंबित आंकड़ों, प्रक्रिया संबंधी डेटा / प्रक्रिया सिंक्रनाइज़ेशन को शुरू करें, ताकि मंदी के इस दौर में सरकार को राजस्व का नुकसान न हो और आम जनता को भी अकारण परेशानी न उठानी पड़े।


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