Haryana में अब छात्रों की एग्जाम फीस वापस करने की मांग

एनएसयूआई ने कहा परीक्षाए न होने के कारण विश्वविद्यालयों का कोई अतिरिक्त खर्च भी नही हुआ है जैसे पहले एग्जाम शीट व अन्य खर्च हुआ करते थे जबकि अब कोई ऐसा खर्च नहीं हुआ।अब छात्रों को अपनी डिग्रियां व डीएमसी लेने के लिए लंबित पड़ी कालेज फीस भरनी होगी ऐसे में एग्जाम फीस को वापस किया जाए।;

Update: 2020-06-26 08:45 GMT

चंडीगढ़। प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में परीक्षाओ को रद करवाने के बाद अब एनएसयूआई हरियाणा ने छात्रों की एग्जाम फीस वापस करवाने का बीड़ा उठाया है जिसके मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ज्ञापन भेजकर मांग भी की जा चुकी है।

एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा का कहना है कि एक तरफ तो सरकार छात्रों से इस महामारी के समय कालेज फीस लेकर आर्थिक बोझ दाल रही है तो वही अब परीक्षाए न होने पर एग्जाम फीस लेना लाजमी नही है। छात्रहितों में तुरन्त प्रभाव से एग्जाम फीस वापस किया जाना जरूरी है जिसके लिए एनएसयूआई हरियाणा पहले की तरह संघर्ष को जारी रखेगी।



एनएसयूआई नेता का कहना है कि परीक्षाए न होने के कारण विश्वविद्यालयों का कोई अतिरिक्त खर्च भी नही हुआ है जैसे पहले एग्जाम शीट व अन्य खर्च हुआ करते थे जबकि अब कोई ऐसा खर्च नहीं हुआ।अब छात्रों को अपनी डिग्रियां व डीएमसी लेने के लिए लंबित पड़ी कालेज फीस भरनी होगी ऐसे में एग्जाम फीस को वापस किया जाए।इसके साथ ही सम्बंधित विश्वविद्यालयों को आदेश दिए जाए कि तुरन्त प्रभाव से आदेश जारी हो और बिना विलम्ब के छात्रों की फीस वापिस हो।

कोरोना महामारी के चलते छात्रों को राहत दी जानी जरूरी है क्योंकि ऐसी विकट स्थितियों में छात्र मजबूती से जंग लड़ने का काम कर रहे है।पहले ही सरकार द्वारा छात्रों से फीस के मार्फ़त पैसे वसूले जा चुके है और वही अब अब परीक्षाए म होने पर एग्जाम फीस रखना जायज नही है।

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