सरस्वती उद्गम स्थल आदि बद्री और राखीगढी को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की मांग
सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड (Sarasvati Heritage Development Board) की तरफ से भारतीय पुरातत्व धरोहर सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखा गया है।;
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि सरस्वती उदगम स्थल आदि बद्री और राखीगढी राष्ट्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल है। इन दोनों धरोहरों को पूरे राष्ट्र पर नाज है। इसलिए इन दोनों पर्यटन स्थलों को विश्व धरोहर स्थल की सूचि में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से भारतीय पुरातत्व धरोहर सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखा गया है। इसके लिए प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास भी किए जाएंगे। अहम पहलू यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से हरियाणा के पर्यटन स्थलों को पूरे विश्व में एक अलग पहचान मिल रही है।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने सोमवार को देर सायं बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय पुरातत्व धरोहर सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड हरियाणा सरकार की एक अभिन्न अंग है और वर्ष 2015 में हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के अंतर्गत इसकी स्थापना की गई। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य सरस्वती नदी और इस नदी के किनारे जितने धरोहर है उनको विकसित किए जाए और सभी स्थलों को विकसित करके एक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाए। इतना ही नहीं सरस्वती नदी के किनारे धोलावीरा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले चिन्हित किया जा चुका है
उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी हरियाणा की प्राचीनतम नदियों में से एक है। इस नदी के किनारे ही वेदों की रचना हुई और पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कारों की शिक्षा मिली। यह प्राचीन नदी आदि बद्री से हरियाणा में प्रवेश होती है इसलिए आदिबद्री का एक बहुत बडा महत्व है। इस स्थल को देश विदेश से लोग देखने के लिए आते है और यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यटन स्थल है। इस पर्यटन स्थल को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल करने से हरियाणा प्रदेश पर्यटन की दृष्टिï से और आगे बढेगा। बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा का राखीगढी हजारों वर्ष पुरानी धरोहर है इस स्थल की खुदाई से लगातार ऐतिहासिक जानकारियां मिल रही है और हजारों वर्ष पुरानी सभ्यताओं के निशान मिल रहे है। यह स्थल हिसार जिले में स्थित है और यह करीब 350 एकड़ में फैला हुआ है। इस स्थल को भारत सरकार की तरफ से आइकोनिक साइट्स के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी की खुदाई से इंडस वैली सिविलाइजेशन की जानकारी मिली है। यह जानकारी पोल्ट्री इंटों और अन्य वस्तुओं से मिली है। राखीगढ़ी हड़प्पा संस्कृति का एक साक्षात दृश्य की तरफ इशारा करती है। इसलिए यह स्थल देश की सबसे बड़ी ऐतिहासिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि इस स्थल को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में विकसित किया जाना जरूरी है।