जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में डिप्टी सीएम का विपक्ष को करारा जवाब, आज तक के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं

दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार को जहां भी गड़बड़ी होने का अंदेशा हुआ तो उसकी जांच करवाई गई और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।;

Update: 2022-03-15 12:07 GMT

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में अनियमितता करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार को जहां भी गड़बड़ी होने का अंदेशा हुआ तो उसकी जांच करवाई गई और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। उन्होंने सदन के कुछ सदस्यों द्वारा 'जमीनों की रजिस्ट्री में अनियमितता के आरोपों' के बारे लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का करारा जवाब दिया। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस प्रकार से राज्य सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री करने में नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है उसको देखते हुए विपक्ष के सदस्यों को आलोचना की बजाए सराहना करनी चाहिए, क्योंकि आज तक के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।

डिप्टी सीएम ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 और 18 के तहत अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण से सम्बन्धित दस्तावेजों के पंजीकरण के कार्य को पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 21, 22, 23, 24, 28, 32, 33, 34 तथा 35 में निहित प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण अधिकारी कार्य करता है अर्थात किसी भी दस्तावेज को पंजीकरण करने के लिए स्वीकार करने से पहले यह सुनिश्चित करना होता है कि सम्बन्धित अचल सम्पत्ति उसके अधिकार क्षेत्र में आती है। दस्तावेज के निष्पादन की तिथि के चार माह के अन्दर-2 उसके सामने निष्पादनकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया जाता है तथा अचल सम्पत्ति की उचित पहचान के लिए नक्शा, राजस्व रिकार्ड के साथ दस्तावेज का मिलान किया जाता है। अचल संपत्ति के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय पंजीकरण अधिकारी द्वारा कुछ अन्य केन्द्रीय एवं राज्य अधिनियमों में दिए गए प्रावधानों की अनुपालना भी करनी होती है।

Tags:    

Similar News