Deputy CM दुष्यंत चौटाला बोले : भिवानी बना साइबर टेक्सटाइल हब, देश की 70 प्रतिशत कर रहा डिमांड पूरी
- प्रदेश के किसानों को सूरजमुखी का भाव पंजाब व राजस्थान से मिल रहा अधिक
- प्रदेश में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का हो रहा काम
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Bhiwani : उप मुख्यमंत्री हरियाणा दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा व जेजेपी के गठबंधन पर किसी भी प्रकार का कोई संशय नहीं है। गठबंधन सरकार किसानों और आमजनों के हित के लिए काम कर रही है। हरियाणा के किसानों को सूरजमुखी (Sunflower) का भाव पड़ोसी राज्य पंजाब और राजस्थान से अधिक मिल रहा है। विपक्ष के प्रदर्शन से यह साबित हो रहा है कि विपक्ष किसानों के हित में नहीं और प्रदेश की किसान हित नीतियों को कमजोर करना चाहता है। भिवानी को फाइबर टेक्सटाइल का हब बना दिया है, जिससे देश की 70 प्रतिशत डिमांड भिवानी से पूरी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार आमजन की भलाई के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रही है। हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा को 3700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी है। इसके साथ ही गडकरी ने हांसी से जींद और जींद से कैथल सड़क मार्ग को फोर लेन करने की सहमति दी है। इसी प्रकार से कुरूक्षेत्र के शाहबाद से रादौर तक वाया बबैन और यमुनानगर तक रोड़ को सीसी करने की मंजूरी दी है, इनके बनने से प्रदेश में सड़कों का आधारभूत ढांचा और अधिक मजबूत होगा। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में इस प्रकार से नए-नए उद्योग स्थापित हो।
उन्होंने कहा कि हम दूसरे राज्यों से कहीं अधिक बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं, चाहे वो राजस्व प्राप्ति की बात हो या प्रदेश में सूरजमुखी के भाव की बात हो। भले ही प्रदेश में सूरजमुखी के भाव को लेकर आंदोलन हुआ हो, लेकिन हरियाणा में किसानों को 6050 रुपये प्रति क्विंटल रेट दिया गया है, जबकि पंजाब में पांच हजार रुपये भी भाव नहीं पहुंचा। इसी प्रकार राजस्थान में महज 3800 से 4100 के बीच सूरजमुखी का भाव है। इससे यह साबित हो रहा है कि विपक्षी पार्टियां हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को सशक्त बनाने की नीतियों को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नीतियां बनाकर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा दिया है। पिछले साढ़े तीन साल की बात करें तो भिवानी फाइबर संबंधित टेक्सटाइल का हब बना है। देश की 70 प्रतिशत फाइबर टेक्सटाइल की डिमांड भिवानी से पूरी हो रही है। इन उद्योग संचालकों को प्रदेश की उद्योग नीति का पूरा फायदा मिला है। पदमा नीति के तहत भी भिवानी के दो ब्लॉक के लिए परमिशन दी है, जिसमें अगर कोई 25 एकड़ जमीन में पांच या छह उद्योग समूह के रूप में स्थापित करना चाहता है तो उसमें बिजली, पानी-सीवरेज आदि इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च का 85 प्रतिशत सरकार वहन करेगी।
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