पांच करोड़ खर्च के बावजूद भी लोग बिजली कट से परेशान
बिजली निगम मरम्मत के नाम पर हर साल करीबन पांच करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इसके बावजूद बिजली के कटों से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। ट्रिपिंग और ब्रेक डाउन होना आम समस्या बनी हुई है।;
नीरज वर्मा : रोहतक
जिले में मरम्मत के नाम पर बिजली निगम हर साल करीबन पांच करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इसके बावजूद बिजली के कटों से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। ट्रिपिंग और ब्रेक डाउन होना आम समस्या बनी हुई है। निगम की ओर से व्यवस्था में सुधार के नाम पर केवल लोगों को आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। गर्मियों में लोगों को बिजली कट से राहत देने के लिए निगम की तरफ से हर साल सर्दियों में मरम्मत का महाअभियान चलाया जाता है।
अभियान के तहत ओर ओवरलोडेड फीडर और ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत की जाती है, ताकि गर्मियों में लोगों को फॉल्ट, ट्रिपिंग और ब्रेकडाउन की समस्या न जूझना पड़े। मरम्मत के नाम पर एलडी सिस्टम बजट तैयार किया जाता है। इनमें ट्रांसफॉर्मरों व फीडरों की मरम्मत करने और उनका लोड वितरित करने का काम किया जाता है।
निगम के मुताबिक हर साल करीब 5 करोड़ रुपये का बजट पास होता है। इसे जिले के तीनों डिविजनों में बांट दिया जाता है। इन डिविजनों में शहरी व ग्रामीण एरिया भी आते हैं। सभी जगह मरम्मत की जाती है। निगम द्वारा ओवरलोड से लगने वाले कट को रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जाते हैं लेकिन इसके बावजूद मई और जून माह में ओवरलोड की वजह से कट लगना जारी है।
इन इलाकों में अधिक कटौती : बड़ा बाजार, माता दरवाजा के तहत आने वाले इलाकों में अक्सर बिजली कट की शिकायत सामने आती रहती है। लोगों के अनुसार, यहां रोजाना 5 से 6 घंटे कट लगता है। इसी तरह रामगोपाल कॉलोनी, ताऊ नगर आदि एरिया में बिजली कट की समस्या ज्यादा रहती है। यहां प्रतिदिन 3 से 4 घंटे हर घंटे के अंतराल में बिजली कट लगते हैं। लाढ़ौत रोड पर कई कालोनियों भी कई कई घंटे के कट लगाए जा रहे हैं।
इन फीडरों पर ज्यादा खर्च: सब डिविजन 1, 2 और तीन के अंतर्गत आने वाले सभी फीडरों में मरम्मत किया जाता है। इन एरिया में आने वाले एरिया बड़ा बाजार, रेलवे रोड, किला रोड, माता दरवाजा, दिल्ली बाईपास, लाढ़ौत रोड, नया बस स्टैंड आदि एरिया में सबसे ज्यादा खर्च आता है।
डिमांड और सप्लाई में कई बार अंतर आने से बढ़ती है कट की समस्या
एलडी सिस्टम के तहत बिजली निगम की ओर से मरम्मत के लिए बजट बनाया जाता है। मरम्मत कार्यों के दौरान फीडरों के लोड को बांटने और ट्रांसफॉर्मरों के लोड को डिवाइड आदि करने पर भी इस बजट को खर्च किया जाता है। डिमांड और सप्लाई में कई बार अंतर आने से बिजली कट की समस्या बढ़ती है। इन्हें दूर करने के लिए बिजली निगम हमेशा प्रयासरत रहता है। -अशोक यादव, एसई, बिजली निगम