सीएम फ्लाइंग की जांच में बड़ा खुलासा : हरियाणा पुलिस परीक्षा से पहले बिजली निगम क्लर्क का पेपर भी हुआ था लीक

कोसली थाना पुलिस ने लिलोढ़ निवासी युवक के साथ बरेली निवासी अभियर्थी के खिलाफ दर्ज किया मामला, सीएम फ्लाइंग की जांच में रेवाड़ी के अलावा हिसार, हांसी, महेंद्रगढ़, जींद व राजस्थान सहित 12 परीक्षार्थियों से बातचीत भी आई सामने।;

Update: 2021-09-17 14:13 GMT

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

सीएम फ्लाइंग ने रेवाड़ी में प्रतियोगी परीक्षा भर्ती पेपर लीक के एक और मामले का खुलासा किया है। जिसमें हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अलावा एयरफोर्स, डीएमआरसी, आईटीबीटी, लाइनमैन व क्लर्क जैसी परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने का भी पता चला है। इस साल अगस्त माह में लीक हुए सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर से पहले 2020 में 9 लाख रुपए में बिजली निगम क्लर्क का पेपर रेवाड़ी में लीक हुआ था। जिसके आरोप में कोसली थाना पुलिस ने सीएम फ्लाइंग की शिकायत पर कम्प्यूटर हैक कर पेपर लीक करने के आरोपित गांव लिलोढ़ निवासी एक युवक व लीक पेपर से परीक्षा पास करने वाली बरेली खुर्द निवासी युवती के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। समाचार लिखे जाने तक किसी आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

सीएम फ्लाइंग को गांव लिलौढ़ निवासी सचिन के सिस्टम हैक कर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, निगम व सिक्योरिटी फोर्स के पेपर लीक करने की सूचना के बाद जांच शुरू की। जिसमें सामने आया कि आरोपित ने गत वर्ष 25 फरवरी को होने वाला एचएसएससी बिजली निगम क्लर्क का पेपर लीक करवाकर एक अभ्यर्थी को नौकरी दिलवाई। साइबस सैल की मदद से की गई जांच में आरोपित के साथ रेवाड़ी के अलावा जींद, हिसार, महेंद्रगढ़ व राजस्थान इत्यादि के 12 अभ्यर्थी संपर्क में थे। जिनमें से एक ने परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी ज्वाइन नहीं की। जांच के दौरान संपर्क में आए सभी अभ्यर्थियों ने आरोपित के पेपर लीक में शामिल होने की बात कबूल की। जबकि बरेली निवासी अभ्यर्थी ने बताया कि परीक्षा से पहले सचिन व उसके साथियों ने उसे जो पेपर पढ़ाया था, करनाल परीक्षा केंद्र में मिले पेपर में वही प्रश्न मिले थे। जिसके लिए आरोपित को नौ लाख रुपए दिए गए थे। परीक्षा पास करने के बाद उसने नौकरी ज्वाइंन नहीं की।

डेढ़ साल की जांच के बाद मामला दर्ज

शिकायत मिलने के बाद सीएम फ्लाइंग ने करीब डेढ़ वर्ष तक मामले की जांच करने के बाद मामला दर्ज करवाया है। इस्पेक्टर सूबेसिंह ने पुलिस को बताया कि इस मामले में किसके साथ कितने पैसों का लेन-देन हुआ यह तो आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आ आ पाएगा। सचिन के सीधे तार न केवल पेपर लीक गिरोह से जुड़े हुए हैं, बल्कि कई कोचिंग सेंटर संचालक भी उसके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच के बाद ही पेपर लीक मामले का पूरा सच सामने आ पाएगा।

आरोपित से इन्होंने किया था संपर्क

फरवरी 2020 में हुए बिजली विभाग क्लर्क भर्ती परीक्षा से पहले 12 अभ्यर्थियों ने सचिन के साथ संपर्क किया था। जिनमें दीपक लिलोढ, योगेश कोसली, प्रीतम गाधोज (बहरोड़) अलवर राजस्थान, अमित कुमार भिखेवाला जींद, पूजा बेरली खुर्द, प्रीति थुराना हांसी, दीपक बेरली खुर्द, मनोज कुमार लिलोढ़, राजेश किरतान हिसार, संदीप सिवानी बोलान हिसार, रामफल लिलोढ़, मदनलाल सेंलग महेंद्रगढ़ इत्यादि शामिल हैं।

जांच के बाद सामने आएगी सच्चाई

सीएम फ्लाइंग की शिकायत पर कोसली थाना में मामला दर्ज हुआ है। फाइल देखने के बाद फैक्ट का पत्ता चल पाएगा। आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे। जांच में दोषी पाए जाने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। -अभिषेक जोरवाल, एसपी, रेवाड़ी।

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