Gurugram विश्वविद्यालय में मलेशिया के प्रतिनिधिमंडल के साथ डीएसटी शोध प्रोजेक्ट पर हुई चर्चा
- डिजिटल एक्स-रे की मदद से पलों में होगी कोविड-19 जैसे संक्रामक रोगों की पहचान
- संक्रामक रोगों की पहचान के लिए तैयार किया जाएगा ऑटो इंटेलिजेंस सिस्टम
;
Gurugram : कोविड 19 जैसे संक्रामक रोगों की पहचान के लिए ऑटो इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से शोध प्रोजेक्ट पर काम कर रही यूआईईटी संस्थान की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया प्रोजेक्ट के इस विषय पर चर्चा करने गुरुग्राम विश्वविद्यालय पहुंची। गुरुग्राम (Gurugram) विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और यूआईईटी की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया ने इस विषय पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया। उन्होंने जीयू के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार से प्रोजेक्ट की आगामी रुपरेखा पर चर्चा की।
गुरुग्राम विवि के साथ इस शोध प्रोजेक्ट पर कार्य करने के उद्देश्य से मलेशिया के संयुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. नोर आसिदी मत के साथ जीयू के इंजीनियरिंग विभाग का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की लैब, क्लास रूम एवं प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कोरोना महामारी जैसे संक्रामक रोगों की पहचान के लिए ऑटो इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार किया जाएगा, ताकि संक्रामक रोगों की जांच के लिए रोगियों के सम्पर्क में आये बगैर कुछ ही पलों में उनकी जांच हो सके। इसके लिए एक्स-रे मशीन के डिजिटल एक्स-रे के साथ कंप्यूटर में ऑटो इंटेलिजेंस सिस्टम को विकसित किया जाएगा।
बता दें कि पूरे सिस्टम को तैयार करने के लिए भारत सरकार के डीएसटी की एसईआरबी एजेंसी से यूआईईटी की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया को यह शोध प्रोजेक्ट मिला है। इस मौके पर गुरुग्राम विवि के प्रो. दिनेश कुमार ने यूआईईटी की शिक्षिका डॉ. रीटा दहिया के प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति आएगी। स्वास्थ्य सेवाओं में अगर तकनीक का इस्तेमाल हो तो महामारी से लड़ने के साथ-साथ देश की स्वास्थ्य सेवाएं और भी बेहतर हो सकती हैं।
फोटो-एक- जीयू में मलेशिया के प्रतिनिधिमंडल के साथ डीएसटी शोध प्रोजेक्ट पर चर्चा के दौरान जीयू के कुलपति व यूआईईटी संस्थान की शक्षिकिा डॉ. रीटा दहिया।