फुल एंड फाइनल सटेलमेनट स्कीम का लांच होते ही विरोध, सेक्टरवासियों ने लगाए बड़े आरोप

लगभग हर सेक्टर में सैकड़ों प्लाटधारकों से एचएसवीपी 5 से 10 लाख तक की ज्यादा राशि की डिमांड कर रहा है। जिससे सेकटरों के हजारों प्लाटधारकों में भारी रोष है। अलाटी हुडा दफ्तरों के चक्कर लगा रहें है, लेकिन जोनल कार्यालयों के पास इसका कोई जवाब नहीं है।;

Update: 2021-03-04 16:44 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा इनंहासमेंट पर जारी 'फुल एंड फाईनल सटेलमेनट स्कीम' के लांच होते ही विवाद शुरू हो गया है। दरअसल एचएसवीपी ने पीपीएम (विभाग का सॉफ्टवेयर) में ऐसा फार्मूला लागू कर राशि अपडेट किया है। जिनमें किसी भी प्लाटधारक ने एक्सटेंशन फीस या अन्य कोई बकाया ज्यादा भर दिया तो एचएसवीपी 'फुल एण्ड फाइनल सटेलमेंट स्कीम' के तहत सॉफ्टवेयर उस राशि को कश्ति मानकर अपडेट के बाद बहुत अधिक बकाया प्लाटधारकों को दिखा रहा। इस गड़बड़ी के कारण लगभग हर सेक्टर में सैकड़ों प्लाटधारकों से एचएसवीपी 5 से 10 लाख तक की ज्यादा राशि की डिमांड कर रहा है। जिससे सेकटरों के हजारों प्लाटधारकों में भारी रोष है। अलाटी हुडा दफ्तरों के चक्कर लगा रहें है, लेकिन जोनल कार्यालयों के पास इसका कोई जवाब नहीं है।

ऑल सेक्टर रेजिडेनटस वेलफेयर के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि एचएसवीपी द्वारा जारी स्कीम ने सेक्टरवासियों के लिए एक नयी समस्या खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि इस 'सटेलमेनट स्कीम' के तहत जितने भी सेकटरों की राशि अपडेट हुई है, उनमें सभी सेकटरों के प्लाटों की राशि में भारी गड़बड़ी है। यदि किसी प्लाटधारक ने पूर्व में कभी एक्सटेंशन फीस या अन्य कोई बकाया का एक रूपया भी ज्यादा भर रखा है, तो एचएसवीपी उसे अलग नियमों से राशि अपडेट कर रहा है। वत्स ने कहा कि किसी सेक्टर के एक समान साइज के प्लाटों की फाइनल राशि प्रति स्कवेयर मीटर में एक समान आनी चाहिए। लेकिन प्रदेश के एक भी सेक्टर में ऐसा नहीं हुआ। राशि अपडेट में बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी हुई है। एचएसवीपी सेक्टरवासियों को बार- बार सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रहा है। वत्स ने मुख्यमन्त्री से तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग करते हुए, ऐसे सभी प्लाटधारकों की राशि अपडेट में गड़बड़ी हुई है, उसको ठीक करने कर नियमों को पूरी तरह से लागू कर पुनः राशि अपडेट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेक्टरवासियों को पूर्ण न्याय नहीं मिला। सभी सेकटरों की फाईनल आंकड़े स्पषट होने के बाद सभी जिलों के पदाधिकारियों से विचार- विमर्श कर अन्तिम नर्णिय लिया जायेगा।

मात्र 7 रुपये एक्सटेंशन फीस ज्यादा भरने पर 7.30 लाख का हुआ नुकसान

सेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने उदाहरण के साथ बताया कि हिसार के सेकटर- 3 में प्लाट न.154 के (200 गज) की राशि अपडेट के बाद मात्र 5.79 प्रतिशत घटी है। इस अलॉटी कसूर इतना था कि इसने एक्सटेंशन फीस भरते समय 583 रूपये की बजाय 590 रूपये यानि सात रूपये ज्यादा भर दिए। इसी 7 रू ज्यादा अदा करने पर अलॉटी को अन्य प्लाटधारकों से लगभग 7.30 लाख रूपये ज्यादा इनंहासमेंट राशि भरनी पड़ रही है। जबकि इसी सेकटर में दूसरे प्लाट न.-151 की राशि अपडेट के बाद 60.32 प्रतिशत घटी है।

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