जिला पार्षद सुनीता झोरड़ ने दिया इस्तीफा
सुनीता झोरड़ ने कहा कि ठिठुरती हुई सर्दी में हमारे बुजुर्ग किसान, माताएं, बहनें दिल्ली (Delhi) घेराव में लाखों की संख्या में बैठे हैं परन्तु सरकार उनकी मांगें मानने को तैयार नहीं है। मेरा यह त्यागपत्र केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए है।;
हरिभूमि न्यूज. सिरसा। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के दिल्ली घेराव के बावजूद अभी तक तीन कृषि बिल व बिजली बिल 2020 को वापस न लेने के मामले में अपना अडिय़ल रवैया अपनाने के विरोध में आज जिला परिषद के जोन नंबर 5 से पार्षद सुनीता रानी झोरड़ ने जिला उपायुक्त (Deputy Commissioner) को अपना इस्तीफा सौंपा है।
सुनीता झोरड़ ने कहा कि ठिठुरती हुई सर्दी में हमारे बुजुर्ग किसान, माताएं, बहनें दिल्ली घेराव में लाखों की संख्या में बैठे हैं परन्तु सरकार उनकी मांगें मानने को तैयार नहीं है। मेरा यह त्यागपत्र केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए है। सरकार की नीतियों के चलते आज किसानों (Farmers) की भूमि दांव पर है और उनकी मान-मर्यादा दांव पर लगी हुई है। ऐसी परिस्थिति में किसानों की गरिमा को बनाए रखने हेतु कोई-भी पद इतना बड़ा नहीं कि उसे छोड़ा न जाए।
इस अवसर पर पार्षद प्रतिनिधि आरसी झोरड़ ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद वे गांव-गांव जाकर किसानों को दिल्ली कूच के लिए लामबंद करेंगे। किसान नेता का. स्वर्ण सिंह विर्क ने सुनीता झोरड़ के इस्तीफे का स्वागत करते हुए दूसरों लोगों को भी इनका अनुसरण करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर का. बलराज सिंह बणी, हेतराम, राजकुमार, केडी झोरड़ बणी, संदीप बणी, कंवरपाल बाहिया, अजय सिंह बचेर, राहुल मम्मड़, ओमप्रकाश केहरवाला, सुनील मत्तुवाला, विजय केहरवाला, राजीव बाहिया, अनिल सादेवाला व पक्का मोर्चा के साथियों ने सुनीता झोरड़ का अभिनन्दन किया।