दिव्यांग छात्र देवांश शर्मा बना एक दिन का डीसी, फैसले करने की क्षमता ने किया सभी को हैरान
नारनौल के उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में बहुत अधिक टेलेंट होता है। ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हमें ऐसे बच्चों की हौसला-अफजाई करनी चाहिए। इससे सभी दिव्यांग बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।;
हरिभूमि न्यूज. नारनौल : यदि किसी बच्चे को उसके लक्ष्य के लिए किसी बड़ी हस्ती की प्रेरणा मिले, तो वह और पाॅजिटिव एनर्जी के साथ लक्ष्य की ओर आगे बढ़ता है। ऐसी ही प्रेरणा बुधवार को केंद्रीय विद्यालय रघुनाथपुरा के दिव्यांग छात्र देवांश शर्मा को उपायुक्त डाॅ. जयकृष्ण आभीर से मिली, जब उस बच्चे को एक दिन का डीसी बनाया गया।
दिव्यांग छात्र देवांश शर्मा ने कुर्सी पर बैठते ही बिना वक्त गंवा, टेबल पर रखे कागजों को पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने कुछ शिकायतें भी सुनीं और उनका समाधान भी किया। साथ ही एक तबादला आदेश भी पारित किया। प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट के 'होली के रंग-दिव्यांगों के संग' कार्यक्रम में शामिल होने की भी स्वीकृति दी। उनके फैसले करने की क्षमता देखकर हर कोई हैरान था। आठवीं कक्षा का छात्र देवांश शर्मा राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। बालभवन की ओर से स्टेट कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल विजेता है। फोटोग्राफी में भी रूचि है। इसके अलावा, अब उनका नेशनल में चयन हो गया है। दिव्यांग छात्र देवांश शर्मा को एक किडनी है। उसे एक आंख से कम दिखाई देता है तथा पैरों में खामी है।
उपायुक्त डाॅ. जयकृष्ण आभीर ने कहा कि बच्चे की हार्दिक इच्छा है कि वह भी एक दिन डीसी बने। जैसे ही इस बच्चे को डीसी बनाया, तो उसके चेहरे पर इतनी खुशी हुई कि बताई नहीं जा सकती है। उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में बहुत अधिक टेलेंट होता है। ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हमें ऐसे बच्चों की हौसला-अफजाई करनी चाहिए। इससे सभी दिव्यांग बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
इस मौके पर ऑल इंडिया एक्स सर्विसमेन वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मपाल चौधरी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा, रेडक्रास सोसायटी सचिव श्याम सुंदर शर्मा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।