खाड़ी देशों में बढ़ी डिमांड से बासमती चावल के रेट में बड़ा उछाल, अभी दाम और बढ़ने की संभावना

भारत से बासमती किस्म का चावल 1121 व डीबी 1401 पैक होकर मिडल ईस्ट के करीब 22 देशों में एक्सपोर्ट होता है। इनमें सऊदी अरब, ईरान, ईराक, ओमान, अमन, बहरीन, कुवैत प्रमुख रूप से शामिल हैं।;

Update: 2022-12-16 06:55 GMT

सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद

खाड़ी देशों में बासमती किस्म के चावलों की डिमांड बढ़ने से बासमती किस्म के धान पुसा 1121 व मुच्छल 1401 के दामों में काफी उछाल आया है। गुरुवार को इन दोनों किस्मों के दाम 4500 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई तक पहुंच गए। हालांकि ईरान के आतंरिक हालात अभी ठीक नहीं है। ईरान के हालात ठीक होते ही बासमती की डिमांड बढ़ेगी, जिससे इनके दामों में और तेजी आने की संभावना है। देश के जाने-माने एक्सपोर्टर भी इसकी पुष्टि करते हैं। बता दें कि भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है।

इस सीजन में यहां अभी तक 60 हजार 172 मीट्रिक टन 1121 धान की आवक हुई है जबकि डीबी मुच्छल यानि डुप्टीकेट बासमती की 12 हजार 671 मीट्रिक टन तथा 1509 किस्म के बासमती की आवक 5527 मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले वर्ष यहां बासमती की किस्म 1121 व डीबी यानि मुच्छल 1401 के दाम 3 हजार से 3200 रुपये प्रति क्विंटल थे। इस बार धान का रकबा कम होने व गोदामों में पिछला स्टॉक न होने के चलते इस बार धान के दामों में फसल आते ही अक्टूबर में ही तेजी दिखी थी। इस सीजन के शुरू में यहां गैर परमल धान 1121, 1509 व 1401 के दाम 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल से शुरू हुए थे।

नवम्बर में इसके भाव 3500-3600 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गए थे। पिछले दिनों विदेशों में इसकी डिमांड निकलने से बासमती के दामों में वृद्धि होने लगी। नवम्बर अंत तक इसके भाव 4 हजार प्रति क्विंटल पहुंच गए थे। तब यह अनुमान लगाया जा था कि बासमती के दाम अभी और बढ़ेंगे। वीरवार को इसके दाम 4500 रुपये प्रति क्विंटल को भी पार कर गए। एक्सपोर्ट कारोबार से जुड़े जानकारों के अनुसार विदेशों में भारतीय बासमती की खूब मांग है, जिस कारण इसके दाम बढ़ने लगे हैं।

विश्व के 22 देशों में एक्सपोर्ट होता है भारतीय बासमती

यहां से बासमती किस्म का चावल 1121 व डीबी 1401 पैक होकर मिडल ईस्ट के करीब 22 देशों में एक्सपोर्ट होता है। इनमें सऊदी अरब, ईरान, ईराक, ओमान, अमन, बहरीन, कुवैत प्रमुख रूप से शामिल हैं। फतेहाबाद की एक्सपोर्ट फर्म जिंदल इंडस्ट्री व जिंदल बासमती इंडिया लिमिटेड का माल इन देशों में एक्सपोर्ट होता है। इन फर्मों का 50 हजार टन माल मिडल ईस्ट के देशों को जाता है।

ईरान में हालात सुधरते ही बढ़ेगी डिमांड

बताया तो यह जा रहा है कि इस समय ईरान में हिजाब को लेकर आंदोलन चल रहा है और वहां आतंरिक हालात ठीक नहीं है। जैसे ही वहां हालात ठीक होंगे, ईरान में बासमती चावल की डिमांड बढ़ेगी। तब भारतीय बासमती चावलों के दामों में भी तेजी आएगी।

विश्व का सबसे बड़ा बासमती निर्यातक है भारत

जानकारों के अनुसार भारत से 40 से 44 लाख टन बासमती चावल एक्सपोर्ट होता है जबकि गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट करीब 2 करोड़ टन है। पूरे विश्व से भारत चावल एक्सपोर्ट करने वालों में सबसे बड़ा देश है। विश्व में एक्सपोर्ट होने वाले चावलों में से भारत की हिस्सेदार 40 फीसदी है जबकि बासमती चावलों के मामले में यह हिस्सेदारी बढ़कर 90 फीसदी तक हो जाती है।

चावलों के दामों में अभी ओर वृद्धि की संभावना : जिंदल

देश के प्रमुख राईस एक्सपोर्टरों में शामिल फतेहाबाद की फर्म जिंदल इंडस्ट्री व जिंदल बासमती इंडिया लिमिटेड के एमडी अजय जिंदल के अनुसार भारत के चावल उत्पादकों के लिए इस समय गोल्डन पीरियड चल रहा है। कोविड के समय यहां का माल पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह पर रूक गया था। वजह थी खाड़ी देशों में डिमांड कम थी। ऐसे में वहां एक्सपोर्टरों का पैसा भी फंस गया था। 2019 के बाद पहला मौका है जब हालात अच्छे हैं और चावलों की डिमांड और रेट भी अच्छे निकल रहे हैं। चावलों के दामों में अभी और वृद्धि की संभावना है।

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