रोहतक में लगा 'मुर्दों का दरबार' : मृत घोषित करके काटी गई थी बुढ़ापा और विकलांगता पेेंशन, सामने आए अनेक लोग
गत दिनों रोहतक में एक 102 वर्षीय बुजर्ग दुलीचंद की सरकार द्वारा मृत घोषित करके बुढ़ापा पेंशन काटने पर रथ में बैठाकर बारात निकाली गई थी जो देश मे चर्चा का विषय रही।;
रोहतक। गत दिनों रोहतक में एक 102 वर्षीय बुजर्ग दुलीचंद की सरकार द्वारा मृत घोषित करके बुढ़ापा पेंशन काटने पर रथ में बैठाकर बारात निकाली गई थी जो देश मे चर्चा का विषय रही और सरकार ने आनन-फानन में समाज कल्याण विभाग को 102 वर्षीय बुजर्ग दुलीचंद की पेंशन दोबारा बनाने के आदेश दे दिए जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिन्द की अहम भूमिका रही।
इस मामले के उजगार होने के बाद बहुत से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनको सरकार द्वारा मृत घोषित करके उनकी पेंशन काट दी गई है। इसी कड़ी में नवीन जयहिन्द ने फ़ोन नंबर 7027-811-811 जारी करते हुए बताया कि अगर किसी के साथ इस तरह की नाइंसाफी हो रही है तो वो उनसे संपर्क करे। तो मात्र 24 घण्टों की शिकायत आने के बाद नवीन जयहिन्द व दुलीचंद ने रोहतक में सरकार द्वारा मुर्दा घोषित जिंदा बुजर्गों का दरबार लगाकर उनसे बातचीत की, जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 30 ऐसे बुजुर्ग, विकलांग व विधवा महिलाएं आई। जिसमें 17 जिंदा लोग सरकार द्वारा मृत घोषित किए थे, 4 जिंदा विकलांग लोगों को मृत घोषित किया था, 4 विधवा महिलाओं के मृत पति को जिंदा दिखाया गया व 5 ऐसे बुजुर्ग भी आए जिनकी पेंशन ही नहीं बनाई गई।
जयहिन्द ने इन बुजुर्ग, विकलांग और विधवा महिलाओं को कहा कि अब आप लोग किसी भी दफ्तर में चक्कर नही लगाएंगे, अगर पेंशन बनेगी तो अधिकारी आपके घर आकर बनाकर जाएगा। तब तक यहां आए 25 -30 पीड़ित लोगों को खुद चंदा इक्ट्ठा कर पेंशन देंगे।