Dussehra 2021 : इस बार हरियाणा में यहां किया जाएगा रावण के सबसे ऊंचे पुतले का दहन
♦ 10 लाख रुपये की लागत से बनाया जाएगा 100 फुट ऊंचा पुतला ♦ सोमवार से कारीगर शुुरू कर देंगे काम, 15 अक्टूबर को दशहरे पर होेगा दहन;
हरिभूमि न्यूज, बराड़ा ( अंबाला )
अंबाला के बराड़ा शहर को विश्व में ख्याति दिलाने व 5 बार लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने वाले श्रीराम लीला कलब बराड़ा द्वारा 3 वर्षों के बाद एक बार फिर बराड़ा में रावण के पुतले के दहन का कार्यक्रम तैयार किया है, जिसमें विश्व के सबसे 221 फुट ऊंचे रावण के पुतले का खिताब हासिल कर चुके श्री राम लीला कलब बराड़ा अब की बार 100 फुट ऊंचे पुतले का दहन 15 अक्तूबर को करने जा रहा है।
श्री राम लीला कलब संस्थापक तेजेन्द्र चौहान के अनुसार कोरोना महामारी और बराड़ा में मैदान की उपलब्धता न होने की वजह से अभी रावण के पुतले के दहन का कोई इरादा नहीं था, लेकिन कस्बावासियों के दवाब के कारण उन्हें इस बार एक बार फिर रावण के पुतले के दहन का कार्यक्रम बनाया है। उन्होंने बताया कि कस्बावासियों द्वारा बार-बार उन्हें दोबारा इस दशहरा महोत्सव कार्यक्रम को शुरू करने की अपील की जा रही है। कस्बावासियों का कहना है कि पिछले 3 वर्षो से दशहरा महोत्सव कार्यक्रम के न होने से क्षेत्र से रोनक गायब हो गई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए श्रीराम लीला कलब ने फिर से यह कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।
श्रीराम लीला कलब संस्थापक तेजेन्द्र चौहान ने बताया कि कलब द्वारा अब की बार 100 फुट ऊंचे पुतले का दहन करने का निर्णय लिया गया है। यह 100 फुट ऊंचा रावण के पुतले का रंग रूप 221 फुट ऊंचे रावण के पुतले जैसा ही होगा और जो सामग्री उस पुतले में लगाई जाती थी, वहीं 100 ऊंचे पुतले में लगाई जाएगी। इसके अलावा रावण के इस पुतलें मे आतिशबाजी के इस्तेमाल के साथ-साथ इसका दहन रिमोट कंट्रोल से ही किया जाएगा। इस रावण के पुतले पर करीब 10 लाख रूपए खर्च आएगा और इसको बनाने के लिए तेजेन्द्र चौहान की देखरेख में सोमवार से कारीगर कार्य आरंभ कर देगें। पहले जहां दशहरा महोत्सव 5 दिन का होता था, वहीं अब यह महोत्सव 3 दिन का होगा। तीन दिन चलने वाले इस दशहरा महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और रावण दहन से पहले जबरदस्त आतिशबाजी का प्रबंध भी किया जा रहा है। इसके लिए शीध्र ही बैठक बुलाई जाएगी। बैठक मेें विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के अलावा दशहरा महोत्सव के लिए स्थान का भी चयन किया जाएगा।