पंचकूला में जुटेंगे शिक्षाविद और स्कूल संचालक, शिक्षा नीति पर करेंगे मंथन
मंथन कार्यक्रम की जानकारी निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रेस वार्त्ता में दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का अयोजन चंडीगढ़ के सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडोटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर उपस्थित रहेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरियाणा सरकार के एसीएस महावीर सिंह और निदेशक अंशज सिंह भी मौजूद रहेंगे।;
चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के स्तर को और ज्यादा बेहत्तर और प्रभावी किस तरह से किया जा सकता है। इस विषय पर 19 फरवरी को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीति पर पंचकूला में मंथन किया जाएगा। यह संभव होगा ‘मंथन’ कार्यक्रम के तहत जिसका आयोजन निसा (नेशनल इंडीपेंडेंट स्कूल एलाइंस) कर रहा है।
मंथन कार्यक्रम की जानकारी निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रेस वार्त्ता में दी। उन्होंने मीडिया को बताया कि कार्यक्रम का अयोजन चंडीगढ़ के सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडोटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर उपस्थित रहेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरियाणा सरकार के एसीएस महावीर सिंह और निदेशक अंशज सिंह भी मौजूद रहेंगे।
निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि मंथन कार्यक्रम में देश और विदेश के शिक्षाविद्व मौजूद होंगे, जिसमें प्रमुख तौर पर एनसीआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश सकलानी, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के प्रो. गीता गांधी किगडन, फाउंडर प्रेसीडेंट सेंट्रल फार सिविल सोसाइटी पार्थ शाह, देवी संस्था की संथापक सुनीता गांधी, इग्नू के प्रो. अजय कुमार सिंह मौजूद रहेंगे। इसके अलावा पद्मश्री भरत भूषण त्यागी, अर्जुना अवाॅर्डी और बिलियर्ड के चैंपियन गीत सेठी, फिक्की के सदस्य मनित जैन सहित देश और प्रदेश के शिक्षाविद्व भाग लेंगे।
निसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान निसा द्वारा नेट ओलंपियाड के राष्ट्रीय विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जाएगा। मंथन कार्यक्रम के दौरान शिक्षा व्यवस्था को और ज्यादा बेहत्तर करने के लिए शिक्षाविद् गहन मंथन कर अपने-अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। कुलभूषण शर्मा का कहना है कि निसा का लक्ष्य है कि प्रदेश और देश की शिक्षा व्यवस्था को लगातार बेहत्तर बनाना और राष्ट्रीय शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचे मुकाम पर पहुंचाना है।