जुनून : सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए बुजुर्ग ने 69 साल की उम्र में पास की 10वीं कक्षा
हरियाणा सरकार ने सात साल पहले व्यवस्था सुधार की दिशा में पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की थी। तब आजाद सिंह मोर सरपंच का चुनाव लड़ना चाहते थे पर उस समय वे तीसरी कक्षा पास थे।;
गोहाना ( सोनीपत )
हरियाणा सरकार ने सात साल पहले व्यवस्था सुधार की दिशा में पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की थी। इस योग्यता से 2016 कई लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने के सपने चकनाचूर हो गए थे। खुद के सपने पूरे नहीं होने पर कुछ लोगों ने परिवार की चौधर के लिए अपने बेटे, पत्नी, बेटी और पुत्रवधू तक को चुनाव लड़वाया था। अब सोनीपत के गांव बरोदा के आजाद सिंह मोर का खुद भी पंचायत चुनाव लड़ने का सपना है, जिसके लिए उन्होंने 69 साल की उम्र में दसवीं कक्षा की परीक्षा पास की है जिसमें उन्हें करीब 76 प्रतिशत अंक मिले हैं।
गांव बरोदा में बरोदा मोर और बरोदा खासा पंचायतें हैं। आजाद सिंह मोर 2016 में बरोदा मोर से सरपंच का चुनाव लड़ना चाहते थे। चुनाव से एक साल पहले ही राज्य सरकार ने उम्मीदवारों के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर दी थी। सामान्य वर्ग के सरपंच पद के लिए दसवीं कक्षा में पास होने की शर्त निर्धारित की गई थी। एक जनवरी, 1952 में जन्मे आजाद सिंह तब केवल तीसरी कक्षा पास थे। कम पढ़े लिखे होने के चलते उनका चुनाव लड़ने का सपना पूरा नहीं हो पाया।
उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बुढ़ापे में पढ़ना शुरू किया और 2021 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से दसवीं कक्षा के लिए आवेदन किया। कोरोना महामारी के चलते परीक्षा नहीं हो पाई। बोर्ड ने अस्समेंट के आधार पर सभी परीक्षार्थियों को पास कर दिया। आजाद सिंह मोर के पास अब मार्कशीट पहुंची है। उन्होंने 69 साल की उम्र में करीब 76 प्रतिशत अंक के साथ दसवीं की परीक्षा पास की है। अब वे पंचायत चुनाव में ताल ठोक सकेंगे। आजाद सिंह के बेटे विजय मोर ने कहा कि उनके पिता ने परीक्षा के लिए पूरी तैयारी की थी लेकिन महामारी के चलते परीक्षा नहीं हो पाई। विजय खुद स्नातकोत्तर हैं। उनके भाई अजय स्नातक हैं और सेना में कार्यरत हैं।