हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी को मंजूरी, खरीददार के साथ निर्माताओं को भी दी जाएगी इतनी छूट

मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते इलेक्ट्रिक वाहन आज समय की मांग है, इनके चलन से प्रदूषण भी कम होगा और पेट्रोलियम पदार्थों के इस्तेमाल में भी कमी आएगी। इसी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी-2022 को पास किया है।;

Update: 2022-06-27 14:26 GMT

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक मेें हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 को मंजूरी दी गई है। वर्ष 2022 को हरियाणा में 'इलेक्ट्रिक वाहनों का वर्ष' घोषित किया जाएगा। ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण को सरंक्षित करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी तकनीक में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते इलेक्ट्रिक वाहन आज समय की मांग है, इनके चलन से प्रदूषण भी कम होगा और पेट्रोलियम पदार्थों के इस्तेमाल में भी कमी आएगी। इसी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी-2022 को पास किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ईवी पॉलिसी से वाहनों के खरीददारों के साथ-साथ निर्माता और रिसर्च एंड डेवलेपमेंट करने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि 15 लाख से 40 लाख रुपये तक की कीमत की इलेक्ट्रिक कार पर 15 प्रतिशत कीमत पर छूट या 6 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 15 लाख से 40 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 3 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 40 लाख से 70 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 10 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर खरीदने पर मोर्टर व्हीकल टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को भी दी जाएगी छूट

मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी। उन्हें 10 साल के लिए 50 प्रतिशत स्टेट जीएसटी की छूट देंगे। इसके अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट रहेगी। इसके साथ-साथ 20 साल के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जाएगा। सरकारी व प्राइवेट इमारतों में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। प्राइवेट ग्रुप रेजिडेंशल बिल्डिंग, कमर्शियल बिल्डिंग, मॉल, इंस्टीट्यूट व मेट्रो स्टेशन पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी के साथ-साथ जो एजुकेशन और शोध संस्थान नई इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक पर शोध करेंगे उन्हें उनके प्रोजेक्ट की 50 प्रतिशत लागत दी जाएगी।

यह नीति ईवी प्रौद्योगिकी में नए विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और मौजूदा ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ईवी विनिर्माण क्षेत्र में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। नीति में ईवी निर्माताओं को फिक्सड पूंजी निवेश (एफसीआई), कुल एसजीएसटी, स्टाम्प शुल्क पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना, रोजगार सृजन इत्यादि शामिल हैं। इसके अनुसार 20 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत शुल्क में छूट के साथ स्टाम्प शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। 10 वर्षों की अवधि के लिए लागू कुल एसजीएसटी प्रतिपूर्ति 50 प्रतिशत होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कंपोनेंट्स, ईवी बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दिया जाएगा।

एक इलेक्ट्रिक वाहन की लागत पारंपरिक-ईंधन-आधारित वाहनों की तुलना में अधिक है जो ईवी पर जाने (स्विच) में खरीदारों के लिए एक प्रमुख बाधा है। नीति खरीदारों को प्रोत्साहन प्रदान करती है जो प्रभावी अग्रिम लागत को कम करेगी और व्यक्तियों को परिवहन के लिए अपने प्राथमिक साधन के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेने के लिए प्रेरित करेगी। यह नीति राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों या हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर 10 लाख रुपये तक का अर्ली बर्ड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रदान करेगी। खरीदार पंजीकरण शुल्क में छूट और मोटर वाहन कर में छूट के पात्र होंगे।

सरकारी संगठनों/सार्वजनिक निकायों/निजी कंपनियों को उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे 5 करोड़ रुपये तक की परियोजना लागत के 50 प्रतिशत अनुदान के साथ प्रोत्साहित किया जाएगा। नीति में ईवी कंपनियों के साथ कार्यरत हरियाणा अधिवासी जनशक्ति के एवज में 10 वर्षों के लिए 48 हजार रूपए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष की रोजगार सृजन सब्सिडी का भी प्रावधान है। वर्ष 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सैल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का प्रयास किया जाएगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों के रूप में घोषित किया जाएगा, जिसमें शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनाने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य होंगे। इसके अलावा, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीसीपी) अनिवार्य रूप से ईवी वाहनों को आगे बढाने व समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के लिए समूह आवासीय भवनों, वाणिज्यिक भवनों, संस्थागत भवनों, मॉल, मेट्रो स्टेशन इत्यादि स्थानों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के प्रावधान शामिल करेगा।

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