राहत : खेदड़ थर्मल पावर प्लांट की एक इकाई में बिजली उत्पादन शुरू, अब नहीं लगेंगे कट

हिसार के खेदड़ थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाई से बिजली उत्पादन लम्बे से ठप था। प्लांट की एक इकाई से सोमवार रात 8 बजे बिजली उत्पादन शुरू हो गया है।;

Update: 2022-04-12 06:33 GMT

राजेश सलूजा : बरवाला ( हिसार )

सरकार के गर्मी के भीषण दिनों में आमजन को पर्याप्त बिजली के दावे तो हर साल किए जाते हैं। मगर इस बार गर्मी की शुरुआत से ही हिसार तथा आसपास के क्षेत्र में तीन घंटे तक के बिजली के कट से खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हिसार के खेदड़ थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाई से बिजली उत्पादन लम्बे से ठप था। देर से ही सही प्लांट की एक इकाई से सोमवार रात 8 बजे बिजली उत्पादन शुरू हो गया। 600 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट से बिजली उत्पादन की उल्टी गिनती सुबह से ही शुरू कर दी गई थी। सब कुछ सामान्य रहने पर खेदड़ प्लांट के प्रशासन ने प्लांट को चालू कर दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में हिसार तथा आसपास के क्षेत्रों को प्लांट से बिजली उत्पादन का लाभ मिलेगा और इन दिनों तीन घंटे तक बिजली कटों से कुछ राहत मिलेगी।

दूसरी इकाई शुरू होने में लगेगा समय

बता दें कि खेदड़ स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की 600-600 मेगावाट क्षमता वाली की दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन फिलहाल तो ठप पड़ा था। चिंता की बात यह भी है कि थर्मल की दूसरी इकाई के रोटर में तकनीकी खराबी के चलते इस दूसरी इकाई से सितंबर 2020 से बिजली उत्पादन ठप चल रहा है। इस दूसरी इकाई से बिजली उत्पादन सुचारू बनाने के लिए चाइना से साजो सामान आना है। चाइना में लॉकडाउन के चलते रोटर का सामान आना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में थर्मल की दूसरी इकाई को ठीक होने में अभी काफी समय लगेगा। हालांकि थर्मल में कोयले की कोई कमी नहीं है।

बिजली का कहां कितना उत्पादन हो रहा

प्रदेश में कुल बिजली की क्षमता 12187 मेगावाट रोजाना की है। इनमें हरियाणा पाॅवर जनरेशन कॉरपोरेशन की 2382, भाखड़ा बांध से 846, सेंट्रल पाॅवर से 3022 और प्राइवेट क्षेत्र से 5700 मेगावाट बिजली मिलती है। प्रदेश सरकार का अडानी कम्पनी के साथ 1424 मेगावाट बिजली खरीद का अनुबंध है। प्रदेश के थर्मल प्लांटों की बात करें तो पानीपत थर्मल प्लांट की यूनिट नंबर 6210, यूनिट 7 और 8 की क्षमता 250-250 मेगावाट है। दीन बंधू छोटूराम यमुनागर प्लांट की दो यूनिटों की क्षमता 300-300, खेदड़ प्लांट की दोनों यूनिटों की क्षमता 600-600 मेगावाट है। इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्लांट की तीनों यूनिटों की क्षमता 500-500 मेगावाट है, यहां पर हरियाणा का शेयर 50 प्रतिशत है। इसी प्रकार महात्मा गांधी सुपर थर्मल प्लांट की दोनों यूनिट 600-600 मेगावाट की हैं।

एक प्लांट शुरू  : चीफ इंजीनियर

थर्मल की पहली इकाई की बीते 24 मार्च को प्रात: 8 बजकर 50 मिनट पर ट्यूब पंचर हो गयी थी। थर्मल के इंजीनियरों ने रिपेयर कर इस पंचर ट्यूब को ठीक कर दिया गया है। टेस्टिंग आदि दुरुस्त पाए जाने पर एक प्लांट शुरू हो गया है। - सुरेश कुमार डागर, चीफ इंजीनियर, खेदड़ प्लांट।

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