अब कूड़े से बनेगी बिजली : सीएम मनोहर ने किया Waste to Energy प्लांट का उद्घाटन, रोज होगा 750 टन कचरे का निस्तारण
मुख्यमंत्री ने सोनीपत व पानीपत कलस्टर के लिए गन्नौर में स्थापित किए गए जिस प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन किया, इसकी लागत 176.87 करोड़ रुपये है।साथ ही गुरुग्राम के लिए एक बड़ी पेयजल आपूर्ति परियोजना का भी लोकार्पण किया।;
गुरुग्राम। अब हरियाणा के साेनीपत जिले में कचरे से बिजली बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गन्नौर में स्थापित किए गए 'वेस्ट टू एनर्जी' प्लांट का गुरुग्राम से वर्चुअली उदघाटन किया। इस प्लांट में सोनीपत और पानीपत कलस्टर के कचरे का निस्तारण होगा और साथ ही बिजली का उत्पादन भी होगा। मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के लिए एक बड़ी पेयजल आपूर्ति परियोजना का भी लोकार्पण किया।
गन्नौर प्लांट में रोज होगा 750 टन कचरे का निस्तारण
मुख्यमंत्री ने सोनीपत व पानीपत कलस्टर के लिए गन्नौर में स्थापित किए गए जिस 'वैस्ट टू एनर्जी' प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन किया, इसकी लागत 176.87 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आधार पर तैयार हुई इस परियोजना से जहां प्रतिदिन 750 टन कचरे का निस्तारण होगा, वहीं इससे 8 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा जो ग्रिड को दी जाएगी। इसका कंसेशनेयर जेबीएम एनविरो है और प्रोजेक्ट की कंसेशन अवधि 22 वर्ष है। इस प्लांट में सोनीपत तथा पानीपत जिलों के स्थानीय निकायों के कचरे का निस्तारण किया जाएगा। गन्नौर में स्थापित किए गए इस प्लांट में सन् 2035 तक 750 टन कचरे का प्रतिदिन निस्तारण होगा। कंसेशनेयर्स ने दावा किया कि प्लांट स्थल पर कचरा एकत्र नहीं होगा बल्कि साथ साथ ही उसका निस्तारण किया जाएगा तथा वहां किसी प्रकार की गंध भी नहीं आएगी।
गुरुग्राम के 3.80 लाख लोगों को मिलेगा स्वच्छ पेयजल
मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के लिए जीएमडीए की जिस जलापूर्ति परियोजना का आज उद्घाटन किया गया है उससे गुरुग्राम के सैक्टर-81 से लेकर सैक्टर-99 तक के क्षेत्र में रहने वाले लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा। इससे पहले जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने बताया था कि सैक्टर-81 से 99 के क्षेत्र में 229 लाइसैंस दिए गए थे जिनमें से 56 लाइसैंसों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी दे दिया है। ये कॉलोनियां फिलहाल टैंकर के पानी पर निर्भर थी और आज इस जलापूर्ति परियोजना की शुरूआत होने से उन्हें नहरी आधारित पानी की आपूर्ति होगी। इस परियोजना पर 76.21 करोड़ रूपये खर्च आया है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जीएमडीए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है कि लोग बिना आरओ लगाए भी सीधे नल से पानी पी सकते हैं बशर्तें कि उनकी अंदरूनी पाइप लाइनें साफ हों।
सैक्टर-58 से 115 तक के क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का कार्य तीन पैकेज में किया जा रहा है जिस पर लगभग 235 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें से एक पैकेज यह उपरोक्त परियोजना थी, जिसकी लागत 76.21 करोड़ रुपये आई है।