ऐलनाबाद उपचुनाव : अभय चौटाला के वोट काट सकते हैं अभय सिंह, पवन बेनीवाल की राह में रोड़ा बने पवन कुमार
ऐलनाबाद उपचुनाव में दो ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं जो अभय चौटाला और पवन बेनीवाल की रोह में रोड़ा बन गए हैं और इनको टक्कर भी दे सकते हैं या फिर इनके वोट काट सकते हैं।;
Haribhoomi Desk : हरियाणा के सिरसा ज़िले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट ( ellenabad by-election ) पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है। कुल 26 नामांकऩ़ दाखिल किए गए हैं जिनकी जांच 11 अक्टूबर को होगी जबकि 13 अक्टूबर तक नाम वापिस लिए जा सकेंगे। भाजपा और जजपा के संयुक्त प्रत्याशी गोबिंद कांडा ( Gobind Kanda ) ने बीते गुरूवार को नामांकन भरा था जबकि इनेलो के अभय सिंह चौटाला ( Abhay Chautala ) और कांग्रेस के पवन बेनीवाल ( Pawan Beniwal ) ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया है। मुख्य मुक़ाबला इन तीनों के मध्य ही है।
पर इस उपचुनाव में दो ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो अभय चौटाला और पवन बेनीवाल की रोह में रोड़ा बन गए हैं और इनको टक्कर भी दे सकते हैं या फिर इनके वोट काट सकते हैं। इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला के मुकाबले में एक और निर्दलीय उम्मीदवार अभय सिंह भी उपचुनाव में खड़े हुए हैं। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल की टक्कर में भी निर्दलीय प्रत्याशी पवन कुमार ये चुनाव लड़ेंगे। ये निर्दलीय उम्मीदवार शायद प्रचार करने भी ना जाएं फिर भी इनको वोट मिलने की संभावना है। क्योंकि जब मतदाता अपना वोट डालने जाएंगे तो ईवीएम मशीन में उनको अभय सिंह के नाम दिखेंगे, वहीं पवन नाम के भी दो उम्मीदवार हैं। चुनाव आयोग के पास जमा करवाए गए कागजातों में भी इनके नाम एक जैसे हैं। ऐसे में ये दोनों उम्मीदवार अभय चौटाला और पवन बेनीवाल के सामने मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। हालांकि इनका चुनाव निशान अलग होगा।
ऐसा भी होता है
आपको बता दें कि भारत की राजनीति में ऐसा कई बार हुआ है कि उम्मीदवारों के मिलते-जुलते नामों के कारण मुख्य उम्मीदवार हार जाते हैं। ऐसे उम्मीदवार कई बार बड़े प्रत्याशियों की हार का कारण बन जाते हैं क्योंकि मतदाता कई बार नाम देखकर वोट डालते हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में कई कमल गुप्ता हिसार से चुनाव लड़ रहे थे। 2005 के हिसार विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही हुआ था जिसमें 5-6 हरिसिंह सैनी चुनाव में उतारे गए थे। इसी प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की महासमुंद लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। उनकी टक्कर में भाजपा के उम्मीदवार चंदूलाल साहू चुनाव लड़ रहे थे। इस चुनाव में अजीत जोगी ने चुन-चुन कर 10 चंदूलाल साहू खोजे और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया। इन 10 चंदूलाल साहू ने मिलकर 70000 से ज्यादा वोट हासिल किए और बड़ी मुश्किल से भाजपा उम्मीदवार चंदूलाल साहू थोड़े से ही वोटों से जीत पाए।
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