जोखिम में योद्धाओं की जान : बिना सेफ्टी किट नाले साफ कर रहे कर्मचारी, एक्सईएन बोले, मुझे पता नहीं

बिना सेफ्ट किट के कर रहे हैं, ये जानकारी में ही नहीं। बता दें कि नालों की सफाई करते समय गैस बनने से कई मौत हो चुकी हैं। पूरे देश में सफाई कर्मियों के मौत के आंकड़े चौकाने वाले हैं।;

Update: 2022-07-04 05:09 GMT

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

गंदे नालों की सफाई करने के लिए कर्मचारियों की जान जोखिम में डाली जा रही है। कर्मचारी बिना सेफ्टी किट नालों में उतरकर सफाई कर रहे हैं। इन योद्धाओं के साथ कब क्या हो जाए पता नहीं। गर्दन तक डूबे कर्मचारियोंं के पास न तो आधुनिक मास्क है, न आक्सीजन सिलेंडर और न ही बेल्ट और रस्सी। जबकि गाइड लाइन के मुताबिक सेफ्ट किट के बिना मेनुअल किसी व्यक्ति से सफाई नहीं करवाई जा सकती। रविवार को रेलवे स्टेशन के पास बने संद्रासर नाले के पास सफाई कर्मचारियों को इस हालत में देखा गया।

हैरानी की बात है कि विभाग के एक्सईएन बोल रहे हैं कि विभाग सेफ्टी किट उपलब्ध करवाता है। कर्मचारी नाले की सफाई बिना सेफ्ट किट के कर रहे हैं, ये जानकारी में ही नहीं। बता दें कि नालों की सफाई करते समय गैस बनने से कई मौत हो चुकी हैं। पूरे देश में सफाई कर्मियों के मौत के आंकड़े चाैकाने वाले हैं। इसके बाद मार्च 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी करके सफाई कर्मचारियों को सीवर लाइन में उतारकर सफाई नहीं करवाने के आदेश दिए थे। लेकिन आज भी कर्मचारियों की ऐसी दुर्दश की तस्वीरें झकझोरने वाली हैं।


इस नाले को संद्रासर कहा जाता है, जिसकी लाइन काठ मंडी, झज्जर चुंगी से शुरू होती है और ये पूरा झज्जर रोड कवर करता है। सीवरेज का ये नाला जिसकी पाइप 64 इंच है। इसकी सफाई करने कर्मचारी रविवार करीब तीन बजे पहुंचे। जिसके बाद बिना सेफ्टी किट के ही वह नाले में उतर गए। अब पब्लिक हेल्थ विभाग ए कह रहा है कि कर्मचारियों को बिना सेफ्टी किट के नाले में न उतरने के निर्देश हैं। अगर ऐसा है तो क्या कर्मचारियों को अपनी जान की परवाह नहीं है, या फिर इन कर्मचारियों पर अधिकारियों का दबाव है कि जल्द नाले की सफाई की जाए। क्योंकि वीरवार को हुई बरसात ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी थी और सारा शहर जलमग्न हो गया था।


नौ साल से प्रतिबंध है

नियम के अनुसार सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक, मेन होल की सफाई को मानव बल से नहीं करवाया जा सकता। इस काम को 2014 से प्रतिबंधित घोषित किया गया है। कॉलोनियों और किसी भी निजी आवास में सफाई कार्य किसी भी व्यक्ति, प्राइवेट एजेंसी या ठेकेदारों द्वारा मानव बल से नहीं किया जा सकता। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है। लेकिन रोहतकमें अब भी बिना सुरक्षा उपकरणों के कर्मचारी नाले साफ कर रहे हैं।

मुझे मामले की अभी कोई जानकारी नहीं

काठमंडी के समीप बने सीवरेज के नाले की सफाई कर्मचारी बिना सेफ्टी किट के कर रहे हैं इसकी जानकारी नहीं है। कर्मचारियों को सेफ्टी किट उपलब्ध करवाई जाती है। बिना सेफ्टी किट के कर्मचारी अपनी मर्जी से सफाई करने नाले में उतरे हैं। - एक्सइएन रोहित, पब्लिक हेल्थ। 

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