राखीगढ़ी के ऐतिहासिक टीलों पर फिर शुरू हुई खुदाई, हजारों साल पुराने रहस्य होंगे उजागर

यह करीब पांच हजार वर्ष पुरानी साइट मानी जाती है। इसकी खुदाई के दौरान कंकाल भी मिले थे। डीएनए से यह साबित हुआ था कि सबसे पहले इंसान यहीं पर रहते थे और वह कहीं बाहर से नहीं आए थे। यहीं के थे।;

Update: 2021-09-10 14:05 GMT

 नारनौंद ( हिसार ) 

हड़प्पा कालीन संस्कृति को लेकर राखीगढ़ी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। एक बार फिर राखीगढ़ी के रहस्यों को उजागर करने के लिए खोदाई का कार्य शुरू हो गया है। जिसकी शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक डॉक्टर संजय मंजुल ने शुरूआत की इस खोदाई के बाद दुनिया के सामने और भी रहस्य उजागर होंगे। राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान अनेक ऐसे अवशेष मिल चुके हैं।

यह करीब पांच हजार वर्ष पुरानी साइट मानी जाती है। इसकी खुदाई के दौरान कंकाल भी मिले थे। डीएनए से यह साबित हुआ था कि सबसे पहले इंसान यहीं पर रहते थे और वह कहीं बाहर से नहीं आए थे। यहीं के थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग एक बार फिर राखीगढ़ी के ऐतिहासिक टीलों की खुदाई करने जा रहा है। खुदाई करने के लिए विभाग की टीम राखीगढ़ी में पहुंच चुकी है और खुदाई का कार्य शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने इस साइट को आईकॉनिक साइट भी घोषित किया हुआ है।

अब साइट को पर्यटक स्थल की संभावनाओं को तलाशते हुए विकसित करने का प्लान किया जा रहा है। इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संयुक्त महानिदेशक डॉ. संजय मंजुल ने बताया कि खुदाई का कार्य शुरू कर दिया गया है और यह कब तक चलेगा अभी तक इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। अब राखी गढ़ी को पर्यटकस्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम किया जाएगा। एसडीएम विकास यादव ने बताया कि आज का काफी ऐतिहासिक दिन है। राखीगढ़ी में खुदाई शुरू हो चुकी है। प्रशासन की तरफ से कोई भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी। ग्रामीणों को भी इसमें पूरा सहयोग करने की जरूरत है। वहीं ग्रामीणों ने पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों को सहयोग का आश्वासन दिया है।



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