सरसों की बिजाई में जुटे किसान, मौसम के बदलते मिजाज ने बढ़ाई परेशानी

किसान 20 अक्टूबर तक अपनी सरसों की बिजाई कर लेते है, लेकिन इस बार आधे अक्टूबर महीने तक तापमान बढ़ने व मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के चलते सरसों की बिजाई अक्टूबर महीने के अंत पूरी हो पाएगी।;

Update: 2023-10-28 06:58 GMT

Narnaul News : क्षेत्र में अक्टूबर महीने के तीसरे सप्ताह में हुई अच्छी बारिश के बाद किसान सरसों की बिजाई में जुटे हुए है। जिले में अब तक करीब 50 से 70 प्रतिशत किसान सरसों की बिजाई कर चुके है। बता दें कि जिले में अक्टूबर महीने के प्रथम सप्ताह में सरसों की बिजाई शुरू कर दी जाती है और लगभग किसान 20 अक्टूबर तक अपनी सरसों की बिजाई कर लेते है, लेकिन इस बार आधे अक्टूबर महीने तक तापमान बढ़ने व मौसम(Mausam) फसल के अनुकूल नहीं होने के चलते सरसों की बिजाई अक्टूबर महीने के अंत पूरी हो पाएगी।

बता दें कि जिले में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 16 अक्टूबर को अच्छी बरसात हुई थी। जिससे बढ़ते तापमान के बीच बारिश ने किसानों की चिंता दूर कर दी थी। जिले में पश्चिमी विक्षोभ के चलते नारनौल में 24.0 मिलीमीटर, महेंद्रगढ़ में 11.5 मिलीमीटर, अटेली में 17.0 मिलीमीटर, सतनाली में 10.0 मिलीमीटर, निजामपुर व नांगल चौधरी में 14.0 मिलीमीटर, पाली 4.5 मिलीमीटर, जबकि कनीना में मात्र 3.0 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जिसके बाद से किसान फसल बिजाई में जुटे हुए है।

दो बार करने पड़ी सरसों की बिजाई

बता दें कि शुरुआत में किसानों को फसल बिजाई के समय संकट का सामना करना पड़ा। जिसके चलते क्षेत्र के अनेक किसानों को सरसों फसल की बिजाई दो बार करनी पड़ी, क्योंकि अनेक किसानों ने फसल बिजाई में देरी होते देख, अधिक तापमान में ही सरसों की बिजाई कर दी, लेकिन नमी कम होने के चलते सरसों नहीं लग पाई, कुछ किसानों ने बारिश से कुछ दिन पहले सरसों की बिजाई कर दी थी, लेकिन बरिश के कारण रपट होने से फसल नहीं लग पाई। ऐसे में किसानों को दोबारा से सरसों की बिजाई करनी पड़ी। जिससे किसानों को प्रति एकड़ तीन से चार हजार रुपये का नुकसान उड़ाना पड़ रहा है।

महंगा हुआ खाद-बीज

किसानों ने कहा कि फसल बिजाई अब महंगी होती जा रही है, क्योंकि सरसों बिजाई से पहले खेत की अनेक बार जुताई करनी पड़ती है। इसके अलावा आज के समय में सरसों का बीज व बिजाई से पहले खेत में डाले जाने वाला खाद भी महंगा हो गया है। किसानों ने बताया कि एक किलोग्राम बीज 800 से 1100 रुपये में आने लग गया है। ऐसे में एक एकड़ खेत में सरसों बिजाई करने में केवल खाद व बीज का खर्चा ही करीब तीन हजार रुपये पड़ता है। ऐसे में अगर दो बार सरसों की बिजाई करनी पड़ जाए तो काफी नुकसान हो जाता है।

मौसम के बदले मिजाज ने किया परेशान

फसल बिजाई के समय मौसम के बदले मिजाज ने किसानों को काफी परेशान किया है, क्योंकि अक्टूबर के शुरुआती दो सप्ताह तक तापमान अधिक रहा। इसके बाद बारिश होने पर अकटूबर के तीसरे सप्ताह में मौसम फसल बिजाई के अनुकूल हुआ। जिसे पर किसान सरसों की बिजाई शुरू की, लेकिन अब फिर से पिछले दो-तीन से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने लग गई है। जिससे किसान चिंतित है। किसानों का कहना है कि 15 अक्टूबर तक का समय सरसों की बिजाई के लिए उपयुक्त रहता है, लेकिन अबकी बार सरसों की बछेत बिजाई हो रही है।

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