आफत में किसान : गोरखपुर में बारिश के पानी से धान व नरमा की फसल नष्ट, अभी भी जलभराव
खेतों से पानी निकालने के लिए सिंचाई विभाग ने किसानों को पानी लिफ्टिंग हेतू चार पंप मुहैया करवाए हैं। किसानों ने खेतों का पानी माइनर में डालने का कार्य शुरू किया हुआ है, परंतु पंपसेट में डीजल खपत को लेकर वह परेशान हैं।;
हरिभूमि न्यूज. भूना (फतेहाबाद)
गांव गोरखपुर में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद खेतों में जलभराव की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। किसानों की फसलें बरसाती पानी की भेंट चढ़ चुकी हैं। अब गेहूं की बिजाई होना भी असंभव लग रहा है।
किसानों ने उपायुक्त को मिलकर समस्या समाधान करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह कुंडू, पंचायत पटवारी पुनीत सिहाग व ग्राम सचिव राजेश शर्मा तथा जयपाल सिंह ने बारिश से प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया। खेतों में धान व नरमा की फसल बिल्कुल नष्ट होने के साथ-साथ जलभराव के हालात बने हुए है। खेतों से पानी निकालने के लिए सिंचाई विभाग ने किसानों को पानी लिफ्टिंग हेतू चार पंप मुहैया करवाए हैं। किसानों ने खेतों का पानी माइनर में डालने का कार्य शुरू किया हुआ है, परंतु पंपसेट में डीजल खपत को लेकर वह परेशान हैं। किसानों ने पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह कुंडू से पंप सेट के लिए खपत होने वाला डीजल सरकारी स्तर पर देने की मांग की है। किसानों की मांग को लेकर पंचायत अधिकारी ने मामला डीसी महावीर कौशिक के संज्ञान में देकर गोरखपुर में जलभराव की स्थिति से अवगत करवाया है।
गांव गोरखपुर के किसान ओम प्रकाश, राममेहर सिवाच, मिंटू सिवाच, राम कुमार, राजेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, जगदीश चंद्र, बलवीर सिंह, हवा सिंह, महेंद्र सिंह आदि ने बताया कि खेतों में 200 से अधिक एकड़ में दो से तीन फुट पानी खड़ा हुआ है। इसकी वजह से नरमा व धान की पकी-पकाई फसल नष्ट हो चुकी थी। इसका किसानों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। अब किसान गेहूं बिजाई के लिए तरस रहे हैं। खेतों में पानी ठहरने से किसान परेशान हो रहे हैं। सितंबर व अक्टूबर महीने से हुई बारिश से गोरखपुर के 200 से अधिक खेतों में पानी आज भी ठहरा हुआ है। खेतों से पानी निकासी के इंतजाम नाकाफी होने के कारण किसान परेशान हो रहे हैं। खेतों में खड़ी फसल में कई दिनों से पानी का ठहराव होने से अब इस पानी से दुर्गंध आने लगी है, जो राहगीरों के लिए भी परेशानी का सबब बनी हुई है। बरसात के शुरुआत में खरीफ की फसलों के लिए अच्छा माना जाने वाला यह पानी अब खेतों में खड़ा होकर फसल के लिए ही नुकसानदायक साबित हो रहा है।
क्या कहते हैं एसईपीओ
समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह कुंडू ने बताया कि शुक्रवार को पंचायत विभाग की टीम ने गोरखपुर के क्षेत्र खेतों में बरसात प्रभावित पानी क्षेत्र का निरीक्षण किया था। जहां लगभग 200 एकड़ में बारिश के जलभराव से किसानों के खेतों के हालात खराब हैं। खेतों का पानी निकालने के लिए प्रशासन स्तर पर चार पंप मुहैया करवाए गए है, लेकिन किसान पंपसेट पर खर्च हो रहे डीजल देने की मांग कर रहे हैं। इसके बारे में डीसी साहब को अवगत करवा दिया गया है।