सिंघु बॉर्डर से बड़ी खबर: अभी खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन, वापसी की तैयारियों को पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने नकारा, बोले...

मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सिंघु बॉर्डर ( Singhu Border ) पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बैठक की। जत्थेबंदियों ने स्पष्ट किया है कि वे घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं। बुधवार को भी सिंघु बार्डर पर बैठक होगी।;

Update: 2021-11-30 12:54 GMT

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

आंदोलनकारी किसानों ( Farmers Protest ) की वापसी के कयास पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने पूरी तरह लगाम लगा दी है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सिंघु बॉर्डर ( Singhu Border ) पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बैठक की। जत्थेबंदियों ने स्पष्ट किया है कि वे घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं। साथ ही कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ( Sanyukta Kisan Morcha ) की सहमति के बिना यहां से कोई नहीं जाएगा।

जत्थेबंदियों ने सरकार को साफ तौर कहा है कि यदि सरकार चिट्ठी में सौंपी गई उनकी सभी बाकी मांगों पर आज घोषणा कर देगी तो वे कल ही यहां से चले जाएंगे, लेकिन यदि मांगें पूरी नहीं की गई तो वे यहीं डटे रहेंगे। वहीं, आज सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 41 सदस्य जुटेंगे और बैठक कर आगामी रणनीति बनाएंगे। सोमवार को जत्थेबंदियों की बैठक के बाद से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि चूंकि संसद में कृषि कानून निरस्त बिल ( agriculture law repealed ) पास हो गया है तो पंजाब की जत्थेबंदियां वापसी की तैयारी में हैं। ऐसे में सभी 32 जत्थेबंदियों ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को अचानक बैठक बुलाई। बैठक के बाद जत्थेबंदियों के प्रमुख अवतार सिंह, मंजीत राय ने साफ किया कि वे मांगें पूरी होने से पहले वे कहीं नहीं जा रहे। वापसी की तैयारियों की अफवाह एक षडयंत्र के तहत फैलाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि वे घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं जाएंगे। सरकार को एमएसपी ( Msp ) गारंटी कानून, मुकद्दमे वापसी, मुआवजा, बिजली बिल कानून समेत सभी 6 मांगों को मानना होगा और इन्हें पूरा करने की घोषणा करनी होगी। इसके बाद ही वे आंदोलन वापस लेने के बारे में विचार करेंगे। जत्थेबंदियों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक बुधवार को है, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। संयुक्त मोर्चा की मांग है कि सरकार सभी 6 मांगों को पूरा करे। सरकार के अगले कदम के बाद संयुक्त मोर्चा जो निर्णय लेगा, उसी के अनुसार कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्हें शीघ्र वापस लेना होगा।

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