किसानों के लिए जरूरी खबर: दिसंबर के महीने में गेहूं की पछेती किस्मों की ही बिजाई करें किसान

एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद मेहरा ने कहा कि 25 नवंबर तक गेहूं की समय की बिजाई की जाती है। उसके बाद गेहूं की पछेती किस्मों की बिजाई शुरू हो जाती है।;

Update: 2020-12-09 06:51 GMT

हरिभूमि न्यूज : गोहाना

किसान दिसंबर के महीने में गेहूं की पछेती किस्मों की ही बिजाई करें। पछेती किस्म की फसलें पकने में कम समय लेती हैं। किसान बिजाई करने से पहले बीज का उपचार भी जरूर कर लें। किसानों को यह सलाह कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद मेहरा ने दी। वे मंगलवार को उक्त विषय को लेकर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद मेहरा ने कहा कि 25 नवंबर तक गेहूं की समय की बिजाई की जाती है। उसके बाद गेहूं की पछेती किस्मों की बिजाई शुरू हो जाती है। गेहूं की समय की बिजाई वाली किस्में पकने में 140 से 145 दिन और पछेती किस्में 120 से 125 दिन लेती है। उनके अनुसार किसान पूरे दिसंबर के महीने में गेहूं की पछेती किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। डब्ल्यूएच 1124, एचबी 2851, पीबीडब्ल्यू 373 और राज 3765 गेहूं की पछेती किस्में हैं।

एसडीओ के अनुसार प्रति एकड़ गेहूं के 40 किलोग्राम बीज की बिजाई करने की सिफारिश की गई है। पछेती किस्मों की बिजाई करते समय किसान बीज की 10 प्रतिशत मात्रा बढ़ा लें ताकि बीज का कम जमाव होने पर पौधों की संख्या कम न हो। एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद मेहरा ने बताया कि गेहूं की बिजाई से पहले किसान बीज का उपचार भी जरूर कर लें। बीज का उपचार करने से फसल की बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है।

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