फसली अवशेषों से आय : पराली न जलाने वाले किसानों को धान पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ मिलेेंगे
हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन हेतु मशीनों पर सब्सिडी देने के अलावा पराली न जलाने वाले किसानों को धान पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।;
हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद
उपायुक्त महावीर कौशिक ने जिला के किसानों को आह्वान किया कि वे फसली अवशेष जलाने की बजाय इसका वैज्ञानिक प्रबंधन करके इससे धन कमाएं। ऐसा करने से जहां पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सफलता मिलेगी वहीं किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से विभिन्न समस्याएं जैसे हवा व धरती का तापमान बढ़ना, मनुष्य व पशुओं में सांस की समस्या, आंखों में जलन व धुंधलापन हो जाना और मिट्टी की गुणवत्ता में कमी इत्यादि उत्पन्न होती हैं। फसली अवशेषों में आग लगाने से प्रदूषण फैलता है और भूमि में पल रहे जीव, मित्र कीट, पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में पड़े फसलों के अवशेषों को न जलाएं बल्कि उसे भूमि में दबाएं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा है कि फसली अवशेषों में आग लगाने की सूचना मिलने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एनजीटी व सरकार की हिदायतोंनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन हेतु मशीनों पर सब्सिडी देने के अलावा पराली न जलाने वाले किसानों को धान पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया कि वे धान कटाई उपरान्त बचे हुए फसल अवशेषों को न जलाएं बल्कि जमीन में मिलाकर भूमि की उर्वरता शक्ति को बढाएं।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा कृषि यन्त्रों पर जो अनुदान दिया जा रहा है जैसे कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने पर 80 प्रतिशत अनुदान तथा व्यक्तिगत किसान द्वारा अनुदान की राशि 50 प्रतिशत है, का भरपूर लाभ उठाएं। उपायुक्त महावीर कौशिक ने बताया कि जिला में यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुकसान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। जिसके तहत दो एकड़ भूमि तक 2500 रुपये प्रति घटना, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रुपये प्रति घटना व पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15000 रुपये प्रति घटना जुर्माना देना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त जिला में धान के अवशेष फाने जलाने पर धारा 144 लगाई हुई है। जिसके तहत अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है।