किसानों को कपास बेचने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ेगा, जानें क्यों
दादरी जिले में कपास बेचने के लिए सीसीआई द्वारा दिसंबर माह तक का शैड्यूल (Schedule) बना दिया है, शायद शैड्यूल जनवरी व फरवरी तक पहुंच सकता है। असाहय किसान सीसीआई की मनमर्जी के समक्ष बेबस हैं।;
हरिभूमि न्यूज. चरखी दादरी।
दादरी अनाज मंडी में सीसीआई (कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा समर्थन मूल्य पर कपास (Cotton) की खरीद की जा रही है। मगर जिस गति से खरीद प्रक्रिया चल रही है, उससे तो किसानों (Farmers) को कपास बेचने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ेगा।
मंडी में प्रतिदिन केवल 100 किसानों की कपास खरीदी जा रही है। हवाला दिया जा रहा है कि खरीद एजेंसी के पास पर्याप्त संसाधान व कर्मचारी तक नहीं हैं। मगर इसमें किसानों को दोष नहीं है। दादरी जिले में कपास बेचने के लिए सीसीआई द्वारा दिसंबर माह तक का शैड्यूल बना दिया है, शायद शैड्यूल जनवरी व फरवरी तक पहुंच सकता है। असाहय किसान सीसीआई की मनमर्जी के समक्ष बेबस हैं।
दादरी में सीसीआई ने 12 अक्टूबर से समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद शुरू की थी। मंडी में किसानों की संख्या बढ़ी तो सीसीआई ने बिना कोई वजह तीन दिन के लिए खरीद बंद कर दी। 20 अक्तूबर से फिर से खरीद प्रक्रिया शुरू हुई, मगर जिले के 100 किसानों की कपास खरीदी गई। उसके बाद लिन किसानों ने कपास का ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था, उनको मंडी में बुलाकर बिक्री का दिन बताया गया। एक दिन में केवल 100 किसानों को ही मंडी में बुलाया जाता है। अब तक केवल 1100 किसानों से 21400 क्विंटल कपास की खरीद गई हैं। अभी हजारों किसानों की कपास घरों में पड़ी है। नंबर का इंतजार कर चुके किसान व्यापारियों को सस्ते दामों में बेचने को विवश हैं। व्यापारी गांव=गांव जाकर किसानों की कपास को औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं।
30 हजार का पंजीकरण
दादरी जिले के करीब 30 हजार किसानों ने कपास का ऑनलाइन पंजीकरण करवाया है। मगर पिछले 12 अक्तूबर से आज तक करीब एक हजार किसानों की कपास खरीदी गई है। ऐसे में सीसीआई की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर एजेंसी तमाम किसानों की कपास खरीदना चाहती है तो पर्याप्त संसाधन व कर्मचारी मंडी में नियुक्त करती।
किसानों को महीनों तक करना होगा इंतजार
कपास खरीद प्रक्रिया को देखकर तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को महीनों तक इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में किसानों के समाने अगली फसल बिजाई का संकट खड़ा हो गया। किसान फसल बेचकर ही अगली बिजाई का प्रबंध करता है। अगर जल्दी किसानों की कपास खरीदना चाहती है तो संसाधन बढ़ाने व व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है।
पंजीकरण वाले किसानों की खरीदी जाएगी कपास
सीसीआई परचेजर अंकित परिहार ने बताया कि मंडी में अवयव्स्था ना हो इसके लिए 100 किसानों की कपास खरीदी जा रही है। खरीद में तेजी का प्रयास जारी है। इसके बाद किसानों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। जिन किसानों ने पंजीकरण किया है उन सभी की कपास खरीदी जाएगी।