Soil Testing Lab : किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए नहीं जाना पड़ेगा करनाल, अब यहां हाेगी Testing
अब तक जिला स्तर पर ही मिट्टी की जांच हो पाती थी लेकिन अब यह सुविधा किसानों को ब्लॉक लेवल पर भी मिलेगी। चूंकि खेतों में पेस्टीसाइड के इस्तेमाल ने भूमि की सेहत को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में किसान मिट्टी को लैब में लाकर टेस्ट करवा सकता है।;
घरौंडा : शहर के मार्केट कमेटी कार्यालय में सॉइल टेस्टिंग लैब (Soil Testing Lab) का भवन बनकर तैयार है। लैब में किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा सकेगा। जांच के बाद मिट्टी में जिस चीज की कमी होगी, उसे पूरा किया जा सकेगा। मृदा जांच का बड़ा फायदा यह होगा, एक तो मिट्टी की सेहत सुधरेगी और दूसरा किसान का उत्पादन बढ़ेगा। मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों की माने तो लैब की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही इसे कृषि विभाग को सुुपुर्द कर दिया जाएगा।
मार्केट कमेटी कार्यालय के परिसर में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा तैयार की गई लैब पर लगभग पांच लाख रुपये की लागत आई है। इस बिल्डिंग में एक लैब और एक कमरा तैयार किया गया है। साथ ही एक शौचालय भी बनाया गया है। वहीं कृषि अधिकारियों की माने तो अब तक जिला स्तर पर ही मिट्टी की जांच हो पाती थी लेकिन अब यह सुविधा किसानों को ब्लॉक लेवल पर भी मिलेगी। चूंकि खेतों में पेस्टीसाइड के इस्तेमाल ने भूमि की सेहत को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में किसान मिट्टी को लैब में लाकर टेस्ट करवा सकता है। जिसके बाद उसे एक सोइल हेल्थ कार्ड मिलेगा। मिट्टी में जो कमी होगी, उसकी पूर्ति के लिए किसान को जानकारी दी जाएगी।
मृदा विशेषज्ञ सुरेंद्र तमक बताते है कि मिट्टी जांच प्रयोगशाला में सभी 12 तत्वों की जांच हो सकेगी। प्रयोगशाला में मिट्टी में पाए जाने वाले नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैगनीशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, बोरान, मैगनीज, कॉपर, मालीबेडनम व क्लोरीन की जांच होगी। मिट्टी की अच्छी सेहत के लिए 16 तत्वों की आवश्यकता होती है। मिट्टी को कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन वातावरण व जल से उपलब्ध होते है, लेकिन शेष पोषक तत्व अन्य स्त्रोत से पूरा करना होता है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लैब की बिल्डिंग तैयार हो चुकी है और आने वाले सीजन में लैब किसानों के लिए शुरू हो जाएगी। जिसके बाद घरौंडा के किसानों को करनाल में नहीं जाना पड़ेगा और वे स्थानीय स्तर पर ही लैब में मिट्टी की जांच करवा पाएगें।
मार्केट कमेटी कार्यालय में मृदा जांच लैब बनाई गई है। जिस पर करीब पांच लाख की लागत आई है। जल्द ही लैब को कृषि विभाग को सौंप दिया जाएगा। - राजन पंवार, जेई मार्केटिंग बोर्ड