रिश्वत मामला : कार्यकारी अभियंता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, किसी भी समय हो सकती है गिरफ्तारी
फतेहाबाद में पब्लिक हेल्थ के कार्यकारी अभियंता तरुण गर्ग के ऊपर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी आर चालिया की अदालत ने भ्रष्टाचार में फंसे एक्सईन को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।;
हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद: पब्लिक हेल्थ के कार्यकारी अभियंता तरुण गर्ग की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी आर चालिया की अदालत ने भ्रष्टाचार में फंसे एक्सईन को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। एक्सईन के वकील ने कोर्ट से गुहार की कि इस मामले में एसडीओ दीपक रेवाड़ी की गिरफ्तारी हो चुकी है। उनके क्लाइंट की कोई भूमिका नहीं है। इस पर कोर्ट में मौजूद विजिलेंस के डीएसपी राकेश मलिक ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने आरोपी कार्यकारी अभियंता से रिश्वत में ली गई 9 हजार की रकम बरामद करनी है तथा आरोपी का वॉयस सैंपल लेना है। विजिलेंस अधिकारी ने कहा कि उनके पास एक्सईन की रिकॉर्डिंग ऑडियो है। ऑडियो के साथ एक्सईन की आवाज में करवानी है।
सत्र न्यायाधीश ने विजिलेंस की दलीलों को स्वीकार कर एक्सईन को जमानत देने से इन्कार कर दिया। अब फरार चल रहे एक्सईन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। अब वह जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण लेंगे। उल्लेखनीय है कि मेहूवाला के ठेकेदार विक्रम सिंह ने एक्सईन व एसडीओ पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करवाया था। विक्रम ने विजिलेंस को दी शिकायत में कहा था कि उसने नए बस स्टैंड मताना से हनुमान मंदिर चौक तक वाटर पाईप लाईन बिछाने का ठेका लिया था। उसने इस काम पर एक लाख रुपये खर्च किए थे। उसने इस काम का बिल पास करवाने के लिए एक्सईन से मुलाकात की तो उसने 20 हजार रुपए मांगे। विक्रम ने 9 हजार रुपये तो मौके पर ही दे दिए और बाकि रकम 10 जनवरी को देने को कहा। विक्रम ने इस मुलाकात की रिकॉर्डिंग अपने फोन पर कर ली। वह 5 जनवरी को इस काम की पेमेंट के लिए एसडीओ दीपक रेवाड़ी से मिला तो उसने 8 हजार रुपये की डिमांड की। विक्रम ने दीपक रेवडी की बात भी रिकॉर्ड कर ली। शिकायत के बाद विजिलेंस ने छापेमारी कर दीपक रेवड़ी को 16 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू कर लिया था। सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए वह जमानत याचिका खारिज करते है।