Fatehabad : ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने अपनी मांगों को लेकर किया रोष प्रदर्शन, एडीसी को सौंपा मांग पत्र

हरियाणा के फतेहाबाद में जनस्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने आज अपनी मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर फतेहाबाद में रोष प्रदर्शन किया।त सिंह सहित काफी संख्या;

Update: 2023-01-30 14:24 GMT

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद: जनस्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने आज अपनी मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर फतेहाबाद में रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटर लघु सचिवालय पहुंचे और एडीसी को अपना मांग पत्र सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटर यूनियन के जिला प्रधान बलजिंदर सिंह ने किया। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के जिला प्रधान सतबीर शर्मा, अमृतपाल नारायण, विपिन शर्मा, सुरेश डांगरा, बाबा सिंह, बलबीर सिंह, मंगल सिंह, बलवान सिंह, तजिन्द्र सिंह, चरणप्रीत सिंह सहित काफी संख्या में ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटर मौजूद रहे।

ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों ने कहा कि 20 अक्टूबर 2022 को जनस्वास्थ्य विभाग तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ यूनियन की हुई बैठक में एक विभिन्न पदनाम खत्म कर एक ही पदनाम वॉटर वर्कर अर्थात जलकर्मी पर सहमति बनी थी लेकिन इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। पदनाम में असमंजस के चलते कुछ स्थानों पर रोक गए वेतन को तुरंत जारी किया जाए। सामाजिक सुरक्षा देने अर्थात ईपीएफ, ईएसआई व मृतक कर्मचारी के स्थान पर किसी आश्रित को नौकरी देने के निर्णय को लागू किया जाए। प्रदेश में नवनिर्वाचित कुछ सरपंच अपने पद का दुरुपयोग कर कर्मचारियों को हटाकर अपने चहेतों को नियुक्त करना चाहते हैं।

विभाग द्वारा इस पर तुरंत रोक लगाई जाए। न्यूनतम वेतन वृद्धि के कारण लंबित पड़े एरियर व बिना कारण रुके वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए और 7 तारीख से पहले वेतन देना सुनिश्चित हो। बिना कारण हटाए गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए। ग्रामीण जलापूर्ति में पंचायतों के माध्यम से लगे कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम में ले जाने का विरोध करते हुए कर्मचारियों ने कहा कि निगम का गठन ठेका कर्मचारियों को ठेकेदारों के शोषण से मुक्ति के लिए किया गया था जबकि उनके तथा विभाग के बीच कोई ठेकेदार नहीं है। ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटर ने उन्हें निगम के अंतर्गत न लाने और पुरानी व्यवस्था जारी रखने की मांग की।


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